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79 साल बाद मिला न्याय, वापस होगी 98 डिसमिल जमीन

चंदवे निवासी शीतल पाहन के वंशजों को 79 वर्ष बाद 98 डिसमिल जमीन वापस मिली।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 02:48 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 02:48 PM (IST)
79 साल बाद मिला न्याय, वापस होगी 98 डिसमिल जमीन
79 साल बाद मिला न्याय, वापस होगी 98 डिसमिल जमीन

जागरण संवाददाता, रांची। कहावत है कि व्यक्ति भले ही मर जाए, मुकदमा दम नहीं तोड़ता। विशेषकर जमीन मामलों में ऐसे मामले देखने को मिलते हैं। पिठोरिया के चंदवे मौजा से जुड़े जमीन मामले में यह सटीक बैठता है। चंदवे निवासी शीतल पाहन के वंशजों को 79 वर्ष बाद 98 डिसमिल जमीन वापस मिली। इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ी।

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अपर समाहर्ता अंजनी कुमार मिश्र की अदालत से शीतल पाहन के पक्ष में ही आया। वर्षो बाद मुकदमा जीतने के बाद उनके वंशजों में खुशी है। अब उनकी जमीन पर दखल दिलाया जाएगा। शीतल पाहन की जमीन को उसी गांव के सागीर अंसारी सहित 12 लोगों ने गलत कागजात बनाकर 25 फरवरी 1938 को अपने नाम कर लिया था।

मार्च 2016 में तात्कालीन आयुक्त केके खंडेलवाल की अदालत में रिवीजन आवेदन पर सुनवाई हुई। उनकी अदालत ने आदिवासी बिरसा पाहन के पक्ष में सुनाया। वहीं, निचली अदालत को रिकॉर्ड भेजने और फ्रेश ऑर्डर निर्गत करने का भी आदेश दिया।

जमीन वापसी के लिए यहां किया था आवेदन

अपर समाहर्ता अंजनी कुमार मिश्र की अदालत का चंदवे मौजा की जमीन को लेकर 1938 में दर्ज हुआ था मुकदमाशीतल पाहन के वंशज जगरनाथ पाहन व दशरथ पाहन ने अपनी जमीन वापसी को लेकर वर्ष 2005 में सबसे पहले तत्कालीन एसएआर कोर्ट में आवेदन दिया। तत्कालीन एसएआर पदाधिकारी देवनीस किड़ो ने विपक्ष के पक्ष में जून 2008 में सुनाया। कानूनी प्रक्रिया के तहत आवेदक ने उपायुक्त की अदालत में एसएआर कोर्ट के फैसले को चुनौती दी। यहां से अपील को अपर समाहर्ता के यहां स्थानांतरित किया गया। इसके बाद वहां याचिका की सुनवाई हुई। मई 2010 में अदालत ने उसकी अपील आवेदन को खारिज कर दिया।

इसके बाद शीतल के वंशजों ने 22 जून 2010 को दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त की अदालत में रिवीजन आवेदन दाखिल किया। छह सालों तक यहां मुकदमा चलने के बाद आवेदक के पक्ष में आया। आयुक्त की अदालत से यह मुकदमा एसी अंजनी कुमार मिश्र की अदालत में 16 दिसंबर 2016 को भेजा था। आयुक्त के आदेश के आलोक में एसी कोर्ट ने फ्रेश ऑर्डर जारी किया। उसके वंशजों को यह विश्वास था कि उनके पक्ष में ही आएगा।

ऐसे बनवा लिए थे जमीन के जाली कागज

शीतल पाहन की खतियानी जमीन को धोखाधड़ी से जाली कागजात बनाकर वर्ष 1938 में चंदवे निवासी सागीर अंसारी, फुरकान अंसारी, हवीब अंसारी, छेदी अंसारी, वाहीद अंसारी, फेजाबुल अंसारी, शमशेर अंसारी, मुबारक अंसारी, अजरत अंसारी, खलील अंसारी व शाहीद अंसारी ने अपने नाम कर लिया। इसके बाद शीतल पाहन के वंशज लड़ाई लड़ रहे हैं। यह खाता संख्या 67, प्लॉट संख्या 2 व 4, थाना संख्या 47 और मौजा चंदवे रकबा 98 डिसमिल जमीन खतियान में शीतल पाहन के नाम से कायमी दर्ज है।

-ओम प्रकाश गौरव, अधिवक्ता।

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