Move to Jagran APP

बिजली की आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे 28 हजार करोड़

राज्य ऊर्जा विकास निगम बिजली की आधारभूत संरचना पर 28 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 28 Jul 2016 05:33 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2016 05:40 AM (IST)
बिजली की आधारभूत संरचना पर खर्च होंगे 28 हजार करोड़

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य ऊर्जा विकास निगम बिजली की आधारभूत संरचना पर 28 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। सूचना भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव सह ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी आरके श्रीवास्तव ने राज्य में बिजली क्षेत्र की हकीकत स्वीकारी। कहा, हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। बिजली की स्थिति सुधारने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा। हमारे पास मांग के अनुरूप बिजली है लेकिन सबसे बड़ी परेशानी ट्रांसमिशन नेटवर्क में कमी है। ट्रांसमिशन नेटवर्क को दुरुस्त करने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।

loksabha election banner

निगम डीवीसी के कमांड एरिया वाले सात जिलों में समानांतर नेटवर्क स्थापित करेगा। ट्रांसमिशन नेटवर्क पर ही 14 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इतनी ही राशि वितरण नेटवर्क को दुरुस्त करने में खर्च होगी। इसके लिए विश्व बैंक की मदद के साथ-साथ वित्तीय एजेंसियों से लोन लिया जाएगा। सारा काम समयबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रेस वार्ता में ऊर्जा वितरण निगम के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार, संचरण निगम के प्रबंध निदेशक मंजूनाथ भजंत्री और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक अवधेश कुमार पांडेय उपस्थित थे।

सबसे कम बिजली दर झारखंड में

अपर मुख्य सचिव आरके श्रीवास्तव ने राज्य में बिजली राजस्व की कमी के लिए कई कारण बताए। कहा, सबसे कम दर पर झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को दी जाती है। डीवीसी कमांड एरिया में पांच रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर ढ़ाई रुपए प्रति यूनिट दर पर आपूर्ति की जाती है। झारखंड में बिजली औसतन प्रति यूनिट 1.98 रुपए प्रति यूनिट मिलती है वहीं छत्तीसगढ़ में 4.12 रुपए, बिहार में 3.28 रुपए, ओडिशा में 3.97 रुपए, महाराष्ट्र में 5.81 रुपए और मध्य प्रदेश में 5.12 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलती है। बताया कि राज्य ऊर्जा वितरण निगम ने नए सिरे से दर तय करने के लिए नियामक आयोग के समक्ष आवेदन किया है।

कई परियोजनाओं पर काम

बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य में पीटीपीएस के साथ टीवीएनएल की क्षमता बढ़ाई जाएगी। तिलैया और देवघर अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट की प्रक्रिया भी चल रही है। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रति यूनिट बिजली खपत में राज्य काफी पीछे है। झारखंड में सालाना प्रति व्यक्ति बिजली की खपत महज 600-700 मेगावाट है लेकिन राष्ट्रीय औसत 1000 मेगावाट के करीब है। इस कमी को पाटना होगा।

भुगतान नहीं होने पर कटेगी आनलाइन बिजली

ऊर्जा विकास निगम जल्द ही स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इसके तहत उपभोक्ताओं को आनलाइन बिलिंग होगा। वे आनलाइन भुगतान कर पाएंगे। समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन आनलाइन कटेगा। निगम एक हजार उपभोक्ताओं पर ऊर्जा मित्र की बहाली करेगी। संचरण-वितरण घाटा को कम करके 15 प्रतिशत किए जाने का लक्ष्य है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.