आदिवासी अधिकारों को लेकर आंदोलन 24 से
28 फरवरी को रांची में आदिवासी संघर्ष समिति की बैठक की जाएगी। इसके लिए सभी आदिवासी संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा।
रांची : मोरहाबादी स्थित संगम गार्डेन में सोमवार को आदिवासी सरना महासभा की बैठक हुई। अध्यक्षता नारायण उरांव ने की। बैठक में स्वशासन के अगुवाओं में मांझी, परगना, महाल, मुंडा-मानकी संघ, 22 पड़हा मुंडा, रांची-पड़हा, राजी पड़हा प्रार्थना सभा सहित अन्य संगठनों ने हिस्सा लिया। इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आदिवासी सरना धर्म कोड की मांग को लेकर क्रमवार आंदोलन किया जाएगा। इसी क्रम में 24 फरवरी को लातेहार और 26 फरवरी को लोहरदगा में जिला स्तरीय महारैली होगी।
साथ ही 28 फरवरी को रांची में आदिवासी संघर्ष समिति की बैठक की जाएगी। इसके लिए सभी आदिवासी संगठनों को आमंत्रित किया जाएगा। इसके अलावा इन सभी तमाम मुद्दों को लेकर पूरे झारखंड में आदिवासी रथ चलाया जाएगा और इसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। नारायण उरांव ने कहा कि भाजपा, झामुमो, आजसू, झाविमो, कांग्रेस पार्टी कुरमी और तेली जाति को आदिवासी का दर्जा देने की मांगों का समर्थन कर रहे है और इन पार्टियों के 42 विधायकों द्वारा कुरमी को अनुसूचित जनजाति घोषित करने के लिए ज्ञापन समर्पित किया गया है।
उन्होंने कहा कि यदि कुरमी को आदिवासी का दर्जा दिया जाता है, तो वर्तमान 32 आदिवासी जातियों की जमीन को बिना रोक के कानूनी तौर पर खरीद लेंगे। जिससे वर्तमान आदिवासी भूमिहीन होने के कगार में चले जाएंगे। मौके पर सघनु भगत, डॉ. करमा उरांव, देवकुमार धान, रजनीश कुजूर, विकास उरांव, काशीनाथ पाहन, कृष्णा लकड़ा, हरदयाल भगत सहित कई उपस्थित थे।