सरकार लगाती रही अनुमान, धान बेचने नहीं आए किसान; मंत्री नाराज
धान खरीद के लिए राज्यभर में 593 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से कुछ केंद्रों में घटतौली की शिकायत सामने आ रही है।
आनंद मिश्र, रांची। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद की सरकार की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। धान अधिप्राप्ति योजना के तहत एक लाख से अधिक किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया। उम्मीद थी कि लक्ष्य से कहीं अधिक धान का क्रय इस बार किसानों से किया जाएगा लेकिन अब तक महज 11.97 लाख क्विंटल ही धान की खरीद की गई है। रजिस्टर्ड किसानों में से महज एक चौथाई किसान ही अपना धान सरकार को बेचने आए। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राज्य में धान की खरीद एक दिसंबर से शुरू की थी। न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपये प्रति क्विंटल के साथ-साथ 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की भी घोषणा की गई थी। विभागीय तैयारी भी पुख्ता थी। बकायदा किसानों का रजिस्ट्रेशन किया गया, इन्हीं रजिस्टर्ड किसानों से धान खरीदने का निर्णय लिया गया। इस क्रम में 1.09 से अधिक किसान रजिस्टर्ड हुए।
इन किसानों से 74,74,688 क्विंटल धान खरीद का अनुमान था। लेकिन 17 फरवरी तक महज 25,511 किसान ही विभिन्न काउंटर पर धान बेचने पहुंचे। सरकार के स्तर से अब तक 11.97 लाख क्विंटल धान की खरीद की गई है, जो कि अनुमानित खरीद का महज 16 प्रतिशत है। राज्य के 24 जिलों में पाकुड़ ऐसा जिला रहा जहां महज 12 किसान ही अपना धान बेचने पहुंचे। साहिबगंज में यह आंकड़ा 45 का रहा, वहीं गोड्डा में भी महज 86 किसान ही धान बेचने पहुंचे। हजारीबाग, चतरा, पू. सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, खूंटी, पलामू और रांची में ही एक हजार से अधिक किसान धान बेचने आगे आए।
मंत्री नाराज, पांच से करेंगे दौरा
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय धान अधिप्राप्ति की स्थिति से स्वयं संतुष्ट नहीं हैं। सरयू राय इस संबंध में पांच मार्च से प्रमंडलवार दौरा करेंगे और हर जिले में एक दिन और एक रात बिताएंगे। इस दौरान वे जिलों में किसानों से भी रूबरू होंगे और धान खरीद में आने वाली विसंगतियों पर चर्चा करेंगे।
घटतौली के मामले भी आ रहे सामने
धान खरीद के लिए राज्यभर में 593 केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से कुछ केंद्रों में घटतौली की शिकायत सामने आ रही है। मसलन किसान ने एक क्विंटल धान दिया तो उसे 95 या 96 किलो ही बताया जा रहा है, शेष नमी के नाम पर काट लिया जा रहा है। ज्यादातर केंद्रों में किसानों के धान के साथ-साथ उनका बोरा भी रख लिया जा रहा है। भुगतान में विलंब हो रहा है, इस वजह से भी किसान सरकार के केंद्रों पर धान बेचने से परहेज कर रहे हैं। इसके बदले वे खुले बाजार में धान बेच दे रहे हैं।
धान खरीद की स्थिति
जिला रजिस्टर्ड किसान धान बेचने आए किसान
बोकारो 2350 429
चतरा 11299 1780
देवघर 8444 207
धनबाद 6373 688
दुमका 3518 141
पू. सिंहभूम 5360 1828
गढ़वा 6253 2480
गिरिडीह 5854 2101
गोड्डा 1804 86
गुमला 2431 768
हजारीबाग 11114 4881
जामताड़ा 2004 182
खूंटी 2758 1104
कोडरमा 2352 591
लातेहार 2362 394
लोहरदगा 3513 550
पाकुड़ 1237 12
पलामू 9101 2598
रामगढ़ 2546 742
रांची 7599 2326
साहिबगंज 3516 45
सरायकेला-खरसावां 4095 711
सिमडेगा 1778 439
प. सिंहभूम 1843 428
कुल 109504 25511