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लालू बोले, जेल जाने से बचने के लिए नीतीश ने बदला पाला

उप चुनाव पर लालू ने कहा कि ताकत रहती तो चुनाव लड़ते, मगर नीतीश ने भाजपा के सामने पूरी तरह सरेंडर कर दिया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 12:35 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 06:59 PM (IST)
लालू बोले, जेल जाने से बचने के लिए नीतीश ने बदला पाला
लालू बोले, जेल जाने से बचने के लिए नीतीश ने बदला पाला

जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सोमवार को सीबीआइ कोर्ट में पेश हुए। लालू डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 47ए/96 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में पेश हुए। इस मामले में सीबीआइ की ओर से गवाही दर्ज की गई। लालू से मिलने के लिए राजद के कई नेता पहुंचे। नेताओं का उद्देश्य लालू से मिलकर बिहार विधानसभा उपचुनाव का टिकट लेना है।

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नीतीश सरकार भ्रष्टाचार में डूबीः लालू 

पेशी के लिए सीबीआइ कोर्ट पहुंचे राजद अध्‍यक्ष लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष  किया। कहा कि नीतीश सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। जेल जाने के डर से उन्‍होंने भाजपा का दामन थामा। उनका घोटाला संज्ञान में आ चुका था। भाजपा वालों ने कागज दिखाते हुए कहा कि यह देखो कागज जल्‍द पाला बदलो नहीं तो जाने की तैयारी करो। तब नीतीश कुमार ने रातोंरात पाला बदला। उप चुनाव पर लालू ने कहा कि ताकत रहती तो चुनाव लड़ते, मगर नीतीश ने भाजपा के सामने पूरी तरह सरेंडर कर दिया।

मामले में लालू के अलावा पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा सहित बेक जूलियस, फूलचंद सिंह, मो. सईद, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, दयानंद कश्यप सहित न्यायिक हिरासत में रहे अन्य आरोपी भी पेश किए गए। आरोपियों को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से लाया गया है। यह मामला डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी से संबंधित है। सीबीआइ के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि मामले में सीबीआइ की ओर से न्यायालय में गवाही दर्ज की गई।

दुमका मामले में पेश हुए लालू

डोरंडा मामले में दो लोगों की गवाही दर्ज होने के बाद लालू प्रसाद अब दुमका मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश हुए। इस मामले में सुनवाई हुई। दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 38ए/96 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में बचाव की ओर से बहस होने की तिथि निर्धारित थी। 

लालू से मिले राजद के नेता

लालू से मिलने के लिए कोर्ट में राजद नेता गिरिनाथ सिंह, भभुआ उपचुनाव से चुनाव लड़ने की मंशा लेकर रामपुर गांव के कैमुर जिला के निवासी व पैक्स के अध्यक्ष व कोपरेटिव बैंक के उपाध्यक्ष सचिदानन्द सिंह चादव भी पहुंचे। भभुआ विधानसभा 205 से उपचुनाव के लिए राजद से टिकट लेने के उद्देश्य से लालू से मिलने आए। कहा कि इसे लेकर वे राबड़ी देवी व तेजस्वी से मिल चुके हैं। फाइनल राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद करेंगे। 

जहानाबाद के विधायक मुंद्रिका प्रसाद के पुत्र सुदय यादव भी कोर्ट पहुंचे। सुदय का कहना है कि वे जहानाबाद से चुनाव लड़ने वाले हैं। यह राजद का सीट है, उनके पिताजी के निधन से सीट खाली हुई है। सहानुभूति के आधार पर यह सीट इन्हें मिल सकती है। तेजस्वी ने भरोसा दिया है। लालू से भी मिले। कई अन्य लोग विस उपचुनाव के टिकट को लेकर आए हैं। पटना के जिलाध्यक्ष संटू कुमार यादव, संतोष यादव आदि भी आए हैं। 

सीबीआइ ने गवाह से पूछा, क्या स्कूटर पर सांड को लाया जा सकता है

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में दो लोगों की गवाही दर्ज की गई। सीबीआइ की ओर से वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने नालंदा के वर्तमान जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद्र नाथ और उत्तर प्रदेश मेरठ के आरटीओ कार्यालय रिजिनल इंस्पेक्टर टेक्निकल चंपा लाल की गवाही सीबीआइ की ओर से दर्ज कराई। दोनों गवाहों ने तत्कालीन डीटीओ और आरटीओ रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर द्वारा सीबीआइ एसपी रांची को लिखे पत्र का सत्यापन किया।

पत्र के साथ अनुलग्नक के रूप में वाहन पंजीयन रजिस्टर के सत्यापित प्रति का भी पहचान किया। उस अनुलग्नक में वाहन के प्रकार जैसे स्कूटर, कार मोटरसाइकिल आदि भी लिखे हैं। साथ ही, व्यवसायिक व गैर व्यवसायिक भी इंगित है। इन वाहनों का उपयोग पशु चारा ढ़ोने में किया गया था। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक ने गवाह से पूछा कि अदालत को यह बताएं कि क्या सांड को स्कूटर से लाया जा सकता है? इस पर गवाह ने कहा कि नहीं सर ऐसा कहीं हो सकता है क्या? प्रश्न को सुनकर कोर्ट में मौजूद लोगों की हलचल बढ़ गई। कोर्ट में मौजूद अन्य आरोपी और राजद कार्यकर्ताओं के बीच इस प्रश्न को सुनने पर हलचल बढ़ गई और अदालत से कहा गया कि इसे रिकॉर्ड में नहीं लाया जाए। हालांकि यह बातें मौखिक ही रही। अनुरोध पर अदालत के रिकार्ड में नहीं लाया गया। 

उल्लेखनीय है कि सीबीआइ ने नालंदा व यूपी के मेरठ से वाहन के नंबरों की सूची मिली थी। जिसे पशु चारा ढ़ोने में इस्तेमाल किया गया था। नालंदा से 15 वाहनों की लिस्ट थी। जिस पर सीबीआइ ने पूछा था कि क्या इन वाहनों का पंजीयन उनके यहां हुआ है? पंजीयन हुआ है तो वह किस प्रकार के वाहन हैं? व्यवसायिक वाहन है या गैर व्यवसायिक? कार स्कूटर है या ट्रक? साथ ही, वह वाहन किसके नाम से हैं?

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