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हंगामे के बीच 1738 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

मुख्य सचिव राजबाला वर्मा व डीजीपी दिके पांडेय को हटाने की मांग को लेकर विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 12:15 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 05:49 PM (IST)
हंगामे के बीच 1738 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
हंगामे के बीच 1738 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

रांची, जेएनएन। झारखंड विधानसभा में तीसरे दिन शुक्रवार को भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया। इस कारण कुछ देर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके बाद विधानसभा में 1738 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया। सीएम रघुवर दास ने कहा कि सरकार सारे सवालों के उत्तर देगी। इसके बाद कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई।

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इससे पहले सुबह मुख्य सचिव राजबाला वर्मा व डीजीपी दिके पांडेय को हटाने की मांग को लेकर विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। 

मुख्य सचिव, डीजीपी और एडीजी को हटाने की मांग पर अड़ा विपक्ष

विधानसभा के बजट सत्र की पहली पाली गुरुवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। प्रश्नकाल नहीं हुए। अव्यवस्था के बीच स्पीकर ने सुचारू रूप से सदन की कार्यवाही चलाने का आग्रह पक्ष-विपक्ष से किया लेकिन बात नहीं बनी। दूसरी पाली में विपक्ष वेल में ही बैठा रहा। हालांकि झामुमो-कांग्रेस के विरोध के बीच स्पीकर ने दूसरी पाली में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा कराई। विपक्षी खेमा राज्य की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय और अपर पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता को हटाने की मांग पर अड़ा था। पहली पाली की कार्यवाही की शुरुआत होते ही स्पीकर ने आग्रह किया कि प्रश्नकाल चलने दें। कार्यस्थगन की सूचना मिली है। वे सबको बोलने का समय देंगे।

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने इसका कड़ा विरोध किया। कांग्रेस के सुखदेव भगत, आलमगीर आलम और इरफान अंसारी भी मुखर थे। भारी अव्यवस्था के बीच कई मौके ऐसे आए जब विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर नारेबाजी करते रहे। सत्तापक्ष से सरयू राय ने सरकार के पक्ष में मोर्चाबंदी की तो उन्हें भी विपक्ष की ओर से करारा प्रहार झेलना पड़ा। मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक के खिलाफ आरोपों के मद्देनजर कार्यस्थगन की सूचना आसन को दी गई थी। इसे जगरनाथ महतो, प्रदीप यादव, इरफान अंसारी, अमित महतो ने दिया था लेकिन नियमानुसार इसे स्पीकर ने अमान्य करार दिया। काम रोको प्रस्ताव गिरने के बाद विपक्षी सदस्यों के रुख में और तल्खी आई।

भीष्म पितामह मत बनिए सर, यह कौरवों की सभा है : हेमंत सोरेन

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने महाभारत के पात्रों और परिस्थितियों का जिक्र करते हुए स्पीकर को इंगित करते हुए कहा-भीष्म पितामह मत बनिए सर। मुख्यमंत्री ने इसे कौरवों की सभा बना रखी है। ये आदिवासियों-दलितों और पिछड़ों के खिलाफ कानून बनाएंगे तो हम चुप नहीं बैठे रहेंगे। हम इतने गद्दार नहीं हैं। देश और राज्य में जालियांवाला बाग की स्थिति है। उन्होंने मंत्री सरयू राय को आड़े हाथों लिया। कहा, जो मंत्री सरकार को घेरते हैं वही विपक्ष को नियम समझाते हैं। इन्हें क्या नैतिक अधिकार है बोलने का?मुख्यमंत्री को लक्ष्य करते हुए उन्होंने कहा कि सदन के नेता सदन को गालीगलौज का मंच बनाते हैं। हमने लिखित शिकायत की। कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आर्डर में हाउस न चलने को विपक्ष ने बनाया मुद्दा, किया वाकआउट

झारखंड विधानसभा की दूसरी पाली में भी विपक्ष मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, डीजीपी डीके पांडेय और एजीडी अनुराग गुप्ता को हटाने की मांग को लेकर अड़ा रहा। अपनी इस मांग को लेकर विपक्ष ने पहले वेल में आकर प्रदर्शन किया फिर वहीं धरना पर बैठ गया। विपक्ष के वेल में बैठने के बावजूद भी स्पीकर दिनेश उरांव ने सभा की कार्यवाही संचालित की। उन्होंने राज्यपाल के अभिभाषण पर बकायदा चर्चा कराई, जिसका विपक्षी दलों ने विरोध करते हुए सदन से वाकआउट किया। अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के लिए जैसे ही राधाकृष्ण किशोर खड़े हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो विधायक उठ खड़े हुए और अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा बताते हुए मुख्य सचिव, डीजीपी और अनुराग गुप्ता को हटाने की मांग करने लगे।

इधर राधाकृष्ण किशोर भी मूल विषय से भटककर विपक्ष पर हमलावर हो गए। कहने लगे कि झामुमो ने आरोपी सजल चक्रवर्ती को मुख्य सचिव बनाया था, चार्जशीटेड अशोक सिंह भी इनके समय में थे। इतना सुनते ही झामुमो विधायकों की नारेबाजी और तेज हो गई। सीएस और डीजीपी को बर्खास्त करने और इनकी जांच सीबीआई से कराने की मांग झामुमो के साथ-साथ कांग्रेस विधायकों ने भी की। स्पीकर ने विपक्ष के तेवर को दरकिनार करते हुए सदन की कार्यवाही को जारी रखा। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने स्पीकर से कहा कि हाउस आर्डर में नहीं है, फिर भी प्रोसिडिंग लिखी जा रही है। झामुमो और कांग्रेस के विधायकों ने इसे मुद्दा बनाते हुए सदन से वाकआउट किया। विपक्ष के वाकआउट करने के बाद भी स्पीकर ने अभिभाषण पर वाद-विवाद शाम चार बजे तक जारी रखा। 

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