अत्याचार की शिकार लड़की को एक लाख रुपये देगी सरकार
लड़की को घर में कैद कर रखा गया था और बात-बात पर उसकी पिटाई की जाती थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि दिल्ली में क्रूरता और अत्याचार का शिकार बनी झारखंड की नाबालिग लड़की को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। सीएम के निर्देश के बाद लड़की का इलाज दिल्ली के सरिता विहार स्थित अपोलो अस्पताल में चल रहा है।
सीएम ने अपने ट्वीट में भी इसका उल्लेख करते हुए दोषी को हर हाल में कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़की को दिल्ली में एक महिला डॉक्टर घरेलू काम के लिए ले गई थी। वहां काम के दौरान उसे सताया जाता था और गर्म आयरन से उसके हाथ-पैर तक जला दिए गए थे।
शरीर पर फेंक देती थी गर्म पानी, आंखों पर कैंची से भी करती थी वार
मॉडल टाउन इलाके में रांची की एक नाबालिग घरेलू सहायिका के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। महिला डॉक्टर निधि (40) उसे चार माह से अपने घर में बंधक बनाकर प्रताड़ित कर रही थी। उसे घर में कैद कर रखा गया था और बात-बात पर उसकी पिटाई की जाती थी। आरोपी डॉक्टर गर्म प्रेस से उसके हाथों व अंगुलियों को जलाती थी। इससे भी जी नहीं भरता था तो उस पर गर्म पानी फेंक देती थी और खुद ही नहीं बच्चों से भी उस पर थूक फेंकवाती थी। उसकी आंखों पर कैंची से भी वार किया था और गुस्से में जो हाथ में आता था, उसी से मारती थी।
आरोपी के पड़ोस में रहने वाले एक शख्स ने दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस व महिला आयोग की टीम ने आरोपी के घर पर छापेमारी कर पीड़िता को शुक्रवार को मुक्त कराया। मॉडल टाउन थाने में मामला दर्ज कर आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी पहचान कल्याण विहार निवासी डॉ. निधि (40) के रूप में हुई है। वह डेंटिस्ट है और अपने घर पर ही क्लीनिक चलाती थी। मुक्त कराई गई लड़की की मेडिकल जांच कराने पर उसके शरीर पर कई जगह जलाने व चोट के निशान मिले हैं।
रांची से आई थी काम करने
पुलिस के अनुसार, 16 वर्षीय पीड़िता मूल रूप से रांची की रहने वाली है। उसके माता-पिता काफी गरीब हैं। करीब छह माह पूर्व वह झारखंड से दिल्ली काम करने आई थी। चार माह पूर्व ही उसे सरस्वती सर्विस सेंटर नामक प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक राम कुमार ने डॉ. निधि के यहां नौकरी पर रखवाया था। इसके बाद ही उसके साथ लगातार यातना देने का दौर शुरू हुआ था।
खाने के नाम पर दो दिन में दो बासी रोटी दी जाती थी
पीड़िता ने बताया कि पुलिस के आने से एक दिन पूर्व आरोपी डॉक्टर ने उसकी जमकर पिटाई की थी और गुस्से में उसे नीचे गिराकर उस पर बैठकर गला दबाने लगी थी। आरोपी उस पर वजन तौलने वाली मशीन से कई वार कर चुकी है। पीडि़ता ने महिला आयोग की टीम को बताया कि उसको कई दिनों तक खाने को नहीं दिया जाता था। खाने के नाम पर उसको दो दिन में दो बासी रोटी दी जाती थी। उसे इस भीषण ठंड में गर्म कपड़े तक पहनने को नहीं देती थी और न ही रात में सोने के दौरान कंबल या रजाई ही देती थी। वह पिछले चार माह से काम कर रही थी, लेकिन उसे पारिश्रमिक भी नहीं दिया जा रहा था।
प्लेसमेंट एजेंसी के दफ्तर पर छापेमारी
घरेलू सहायिका को मुक्त कराने के बाद पुलिस ने प्लेसमेंट एजेंसी के दफ्तर पर भी छापेमारी की, लेकिन संचालक को छपेमारी की भनक लगने के कारण वह फरार हो चुका था।
अत्याचार करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगीः सीएम रघुवर
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिल्ली में झारखंड की नाबालिग लड़की के साथ अत्याचार और क्रूर व्यवहार की घटना की भर्त्सना करते हुए कहा कि झारखंड की बेटी पर हुए अत्याचार से मन व्यथित है।
उन्होंने नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन के प्रिंसिपल रेजिडेंट कमिश्नर को बच्ची की समुचित देखभाल और इलाज सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बच्ची को जल्द से जल्द उनके परिवार से मिलाया जाएगा। साथ ही, उस पर अत्याचार करने वालों के विरुद्ध जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कार्रवाई की जाएगी।
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