जेल में दही-चूड़ा की औपचारिकता पूरी की लालू ने
लालू से मिलने पहुंचे उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने भी कहा कि बुआ के निधन के कारण इस बार वह मकर संक्रांति का त्योहार नहीं मना रहे।
रांची, [जागरण संवाददाता] मकर सक्रांति पर पूरी शान के साथ दूसरों को दही-चूड़ा खिलाने वाले लालू प्रसाद इस बार त्योहार को मनाने के लिए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के मोहताज थे। जेल प्रशासन ने दही चूड़ा और तिलकुट की व्यवस्था की थी जिसे लालू और दूसरे कैदियों ने खाया।
हालांकि लालू के लिए यह त्योहार एकदम फीका था। एक तो सलाखों की बंदिश ऊपर से बहन के निधन का दुख। पर्व की उन्होंने महज औपचारिकता पूरी की। लालू से मिलने पहुंचे उनके पुत्र तेजस्वी यादव ने भी कहा कि बुआ के निधन के कारण इस बार वह मकर संक्रांति का त्योहार नहीं मना रहे। सेल में संक्रांति :जेल में रविवार की सुबह के समय ही कैदियों के लिए जेल प्रशासन की ओर से दही-चूड़ा और तिलकुट उपलब्ध करवाया गया। इसके बाद कैदियों ने अपने-अपने सेल में बैठकर मकर संक्रांति मनाई।
इधर, लालू समेत अपर डिवीजन के अन्य कैदियों ने भी एक साथ दही-चूड़ा खाया। जेल अधीक्षक अशोक चौधरी के मुताबिक मकर संक्रांति के मौके पर पाउडर दूध से 500 किलो दही जमाया गया था। बाजार से डेढ़ क्विंटल चूड़ा और दो क्विंटल तिलकुट मंगवाया गया। हालांकि लालू के लिए गया का तिलकुट और भागलपुर का चूड़ा नहीं मंगवाया जा सका।
दही-चूड़ा और तिलकुट लेकर जेल गेट पहुंचे समर्थक :
लालू के लिए जेल गेट पर मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा और तिलकुट लेकर सबलपुर छपरा के लाल बाबू राय और राम बाबू राय पहुंचे थे। दोनों ने तिलकुट, दही-चूड़ा और हरी सब्जियां लालू के लिए जेल में भिजवाया। इधर अनिल सिंह आजाद समेत अन्य समर्थकों ने भी तिलकुट व दही-चूड़ा पहुंचाया। कटहल, पालक साग, कुसुम, मूली, प्याज साग सहित लालू की पसंद की सब्जियां भेजी गई। फुलप्रूफ चेकिंग के बाद सभी सामान जेल के भीतर भेजे गए। हालांकि लालू को जेल प्रशासन का दही-चूड़ा ही दिया गया।