बीआइटी मेसरा के छात्रों ने बनाया शटल कॉक खेलने वाला रोबोट
साल भर की मेहनत के बाद छात्रों ने शटल कॉक खेलने वाला रोबोट बना लिया है।
रांची, [अनुज मिश्रा]। बीआइटी मेसरा के छात्रों की प्रतिभा का लोहा सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक मनवाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस बार वियतनाम में होने वाले नेम कॉन अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स फेस्टिवल में प्रतिभा दिखाने का इन्हें मौका मिल सकता है। लगातार साल भर की मेहनत के बाद छात्रों ने शटल कॉक खेलने वाला रोबोट बना लिया है।
इसका प्रदर्शन बीआइटी के रोबोल्यूशन क्लब के द्वारा मार्च में पुणे में होने वाली एशिया एबीयू रोबोकॉन में किया जाएगा। एबीयू रोबोकॉन एशिया पेसेफिक स्तर की प्रतियोगिता है, जिसे विभिन्न देशों द्वारा आयोजित किया जाता है। इसमें देश भर की 50 से ज्यादा रोबोटिक टीमें भाग लेंगी। इस प्रतियोगिता की टॉप तीन टीमों को वियतनाम में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता भाग लेने का मौका मिलेगा।
चार वर्षों से जारी है मेहनत
बीआइटी के रोबोटिक छात्रों ने 2013 में एक ग्रुप बनाया था, जिसे रोबोल्यूसन क्लब नाम दिया गया। लगातार मेहनत के बाद 2015 में इनकी टीम को बड़ी सफलता मिली जब इनके बनाए टेबल टेनिस खेलने वाले रोबोट ने एबीयू रोबोकॉन नामक एशिया पेसेफिक लेवल की प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया था। इस प्रतियोगिता में देश के 50 से अधिक टॉप रोबोटिक टीमे हिस्सा लेती हैं। इस बार टीम का मुख्य लक्ष्य वियतनाम के अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करानी है। इसी को ध्यान में रखकर वहां की नेम कॉन प्रतियोगिता में होने वाले खेल को लेकर इस तरह का रोबोट विकसित किया गया है।
क्या होता है शटल कॉक थ्रोइंग गेम
शटल कॉक थ्रोइंग वियतनाम में खेले जाने वाला एक प्रसिद्ध खेल है। जिसे वहां नेम कॉन के नाम से जाना जाता है। वियतनाम में शटल कॉक कपास के गोले या चावल के छिलके से बनाया जाता है। वैसे तो वहां यह खेल आमलोगों के द्वारा खेला जाता है, लेकिन इस बार इसकी थीम रोबोटिक रखी गई है। इस खेल के लिए दो रोबोट होंगे, एक मैन्युअल और एक ऑटोमेटिक। मैन्युअल रोबोट को शटलकॉक को ऑटोमेटिक रोबोट तक पहुंचाना है और ऑटोमेटिक रोबोट शटलकॉक को अलग-अलग उंचाई पर रखे छल्लो से पार कराना है। इस प्रकार यह खेल आगे बढ़ता है। वियतनाम और थाइलैंड में इस खेल को सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
क्या कहते हैं टीम के सदस्य
वैसे तो रोबोल्यूशन क्लब मे 40 सदस्य हैं, टीम के सभी सदस्य प्रतिभा के धनी हैं पर अगुवाई करने वाले रोहित मोहन बताते हैं कि इस साल हमें वियतनाम में होने वाले फोक गेम के लिए टास्क मिला था, जिसे लगभग हमने पूरा कर लिया है। कई बार परीक्षण के बाद उम्मीद है कि सफलता निश्चित मिलेगी। एक अन्य छात्र आकाश बताते हैं 2015 में टेबल टेनिस खेलने वाले रोबोट की सफलता के बाद हमारी टीम ने एक बहुत ही अच्छा अविष्कार किया है। चार साल पहले ही क्लब की स्थापना की गई थी, शुरुआत में काफी समस्याएं आई, फाइनेन्सियल प्राब्लम का सामना हम सब ने मिलकर किया। हमने अपनी पॉकेट मनी को इस में लगाया, संस्थान ने भी मदद की।