नक्सल क्षेत्रों में खुलेंगे 11 कैंप, पुलिस का बढ़ेगा दायरा
अपराध व नक्सल पर नकेल के लिए थाने, ओपी आदि बढ़ाए जा रहे हैं।
रांची, दिलीप कुमार। नक्सलियों को खत्म करने के सरकार व पुलिस मुख्यालय के 31 दिसंबर तक के अल्टीमेटम के मद्देनजर जंगलों में जवानों की पहुंच बढ़ाने की कवायद तेज है। अपराध व नक्सल पर नकेल के लिए थाने, ओपी आदि बढ़ाए जा रहे हैं। इसी क्रम में जंगलों में 11 सुरक्षा कैंप खुलने जा रहे हैं ताकि पुलिस का दायरा बढ़ाया जा सके।
जंगलों में नक्सलियों के गढ़ में अब तक 18 कैंप खोले जा चुके हैं, जिसे बढ़ाकर 30 किए जाने का लक्ष्य है। अपराध नियंत्रण के मद्देनजर अलग से 15 पुलिस अनुमंडल, छह साइबर थाने, तीन यातायात थाना, 11 पुलिस थाना व चार ओपी खोले जाने के पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को सरकार की स्वीकृति व सहमति मिल गई है।
यहां बनेंगे सुरक्षा कैंप
मारोमार (लातेहार), डोमाखांड़ (लातेहार), रोआम (चाईबासा), डगरा (पलामू), कुल्ही (गढ़वा), महुडंड (पलामू), करमडीह (लातेहार), टुंगारी (लातेहार), मरांगबुरू-01 (गिरिडीह), मरांगबुरू-03 (गिरिडीह), बीरबांकी (खूंटी)।
स्थापित हुए 18 कैंप
-पारसनाथ में पांच कैंप : धोलकट्टा, मनियाडीह, एमबी-1, एमबी-2, एमबी-3-गुमला में चार कैंप : जोरी, जमटी, बानालात व कुरूमगढ़।
- लोहरदगा में एक कैंप : चैनपुर।
- पलामू में दो कैंप : ताल व कुकुकलां।
-बोकारो में दो कैंप : चतरो चट्टी व जगेश्वर बिहार।
- चाईबासा में एक कैंप : गुदड़ी।
-लातेहार में तीन कैंप : कुमंडी, सेरेनदाग व चौपट।
झारखंड पुलिस का दायरा
-राज्य के 24 जिलों में कुल थाने व ओपी : 606- शहरी थाना : 111- ग्रामीण थाना : 320- ओपी : 89- यातायात थाना : 13- अन्य इकाइयां/थाने : 73 (महिला एवं बाल संरक्षण थाना- 41, एससी/एसटी थाना-24, एएचटीयू-08)।- पुलिस निरीक्षक स्तर के कुल थाने : 119- कुल 56 सहायक थानों को पूर्ण थाने का दर्जा।
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