आइआरबी परीक्षाः पहले से लीक थे प्रश्न पत्र, ऐसे हुआ खुलासा
परीक्षार्थियों के कानों में टॉर्च जला कर देखने से ब्लूटूथ पकड़ में आया।
रांची, जेएनएन। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) परीक्षा में हाईटेक चोरी और धांधली का मामला सामने आया है। रांची के दो परीक्षा केंद्रों से माइक्रो ब्लूटूथ लगा परीक्षा दे रहे तीन मुन्नाभाई समेत सात को पकड़ा गया है। इसमें धांधली कराने वाले गिरोह के सरगना के अलावा तीन एजेंट भी शामिल हैं।
पकड़े गए आरोपियों में दो परीक्षार्थी लोअर बाजार क्षेत्र के संत पॉल कॉलेज से पकड़े गए। इनमें नवादा निवासी बिमलेश कुमार और गया निवासी राकेश कुमार शामिल है। डोरंडा के बालिका हाई स्कूल से बिहार के जहानाबाद निवासी सौरभ कुमार को गिरफ्तार किया गया। आइआरबी परीक्षा में धांधली कराने का सरगना पटना निवासी बीएसएनएल कर्मी अनूप कुमार है। उसने अपने तीन एजेंटों- बोकारो निवासी डीवीसी कर्मी दिनेश, लखीसराय निवासी सनोज और पटना निवासी संदीप शामिल हैं। तीनों अनूप के लिए एजेंटी कर छात्रों को झांसे में लेते थे।
इसके बाद उन्हें माइक्रो ब्लूटूथ डिवाइस, गंजी, मोबाइल फोन, वायर समेत अन्य किट उपलब्ध करवाते थे। इसके एवज में प्रत्येक परीक्षार्थी से 15-15 हजार रुपये लिए थे। परीक्षा पास करने के बाद डेढ़-डेढ़ लाख में सौदा तय हुआ था। फिलहाल गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है।
होटल में छापेमारी से हुआ खुलासा:
सिटी डीएसपी को सूचना मिली कि मेन रोड के होटल पर्ल में बिहार के कुछ लागे ठहरे हैं, जो आइआरबी परीक्षा में गड़बड़ी कर रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस ने जब छापेमारी की तो वहां अनूप पकड़ा गया। उसे हिरासत में लेकर पुलिस ने जब पूछताछ की, तो उसने बताया कि चर्च रोड के संत पॉल कॉलेज में दो परीक्षार्थी हाईटेक चोरी कर परीक्षा कर दे रहे हैं।
इस सूचना पर पुलिस ने मजिस्ट्रेट के साथ कॉलज में छापेमारी कर बिमलेश और राकेश को ब्लूटूथ लगा परीक्षा देते पकड़ा। इसके बाद उनकी निशानदेही पर परीक्षा केंद्र के बाहर से तीनों एजेंटों को पकड़ा गया। पुलिस की पूछताछ में एजेंटों ने डोरंडा समेत अन्य जगहों पर मुन्नाभाई बने परीक्षार्थियों की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने डोरंडा से एक परीक्षार्थी को रंगेहाथ पकड़ा।
कान में टॉर्च से देखने पर मिला ब्लूटूथ:
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए परीक्षार्थियों के कानों में टॉर्च जला कर देखने से ब्लूटूथ पकड़ में आया। कान में इसे बारीकी से डाला गया था। पुलिस अंगुली से माइक्रो ब्लूटूथ डिवाइस नहीं निकाल सकी। इसके लिए पुलिस को डॉक्टरों की मदद लेनी पड़ी। डॉक्टरों ने चुंबक डालकर ब्लूटूथ डिवाइस को बाहर निकलवाया। पुलिस ने किट के सारे सामान को जब्त कर लिया है।
छोटे-छोटे टुकड़ों से बनाया था डिवाइस:
पकड़े गए लोगों से बरामद की गई किट देखकर पुलिस दंग रह गई। गिरोह के सरगना समेत अन्य एजेंटों ने मोबाइल के कलपुर्जो को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट रखा था। सिम, चिप, ब्लूटूथ, वायर को बारीकी से सेट किया गया था। इसे परीक्षार्थियों की गंजी में सेट किया गया था। छोटे-छोटे टुकड़ों में सेट होने की वजह से सामान्य चेकिंग के दौरान वे पकड़ में नहीं आए।
अन्य केंद्रों पर भी छापेमारी:
पुलिस ने सूचना मिलने पर कांके, धुर्वा, जगन्नाथपुर समेत कई इलाकों के परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की गई। बताया जा रहा है कि इन परीक्षा केंद्रों से भी कई संदिग्धों को पकड़ा गया है। उनसे पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस गिरोह के सभी सदस्यों को पकड़ने में जुटी है। देर रात तक इसके लिए होटलों और लॉज में भी छापेमारी चलती रही।
पहले चरण में भी पकड़े गए थे 13 मुन्नाभाई:
तीन दिसंबर को भी आइआरबी की परीक्षा में धांधली करते 13 मुन्नाभई पकड़े गए थे। सभी गिरफ्तारी लातेहार, गढ़वा और बोकारो जिले से हुई थी। पहले चरण की परीक्षा में नकल कराने वाले गिरोह का सरगना बूटी मोड़ स्थित एक होटल के कमरे से पकड़ा गया था। इस गिरोह का तार बिहार से जुड़ा है। खबर है कि रांची समेत राज्य के कई जिलों में आइआरबी परीक्षा में धांधली की तैयारी की जा सकती है।
पहले से लीक थे आइआरबी परीक्षा के प्रश्न पत्र
रविवार को आइआरबी परीक्षा में रांची में धांधली करते पकड़े गए कई उम्मीदवार और उनको सहयोग करने वाले गिरोह के सरगना ने पुलिस की पूछताछ में खुलासा किया है कि प्रश्नपत्र पहले से लीक थे। इसी आधार पर सेंटरों में ब्लूटूथ के माध्यम से वह उत्तर बता रहे थे। इन्हें परीक्षार्थियों को मिलने वाले प्रश्नपत्र के सेट की भी पहले से जानकारी थी। नकल कराने वाले सरगना बिहार का था। इंडिया रिजर्व बटालियन में नियुक्ति के लिए झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षा का आयोजन किया था।
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