झारखंड में मिडडे मील खाते से 100 करोड़ बिल्डर के खाते में गए
एफआइआर में कहा गया है कि एसबीआइ के उपप्रबंधक ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। झारखंड सरकार के मिडडे मील खाते से 100 करोड़ रुपये एक प्राइवेट बिल्डर के खाते में जाने के मामले में सीबीआइ ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह सरकारी खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआइ) में है, जहां से ट्रांसफर हुआ है। यह जानकारी गुरुवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारी ने बताया कि बुधवार को एजेंसी रांची में आरोपी और भानु कंस्ट्रक्शन के परिसरों पर छापामारी कर चुकी है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने कंपनी इसके साझीदारों संजय कुमार तिवारी, सुरेश कुमार और अजय ओरांव, एसबीआइ हटिया शाखा के पूर्व उपप्रबंधक के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। उपप्रबंधक निलंबित किए जा चुके हैं। एसबीआइ के अधिकारी की शिकायत के आधार पर एफआइआर में कहा गया है कि एसबीआइ के उपप्रबंधक (कारोबार विकास विभाग) ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग किया। उन्होंने 'राज्य मध्यान भोजन प्राधिकरण' के खाते से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में भेज दिए।
शिकायत में कहा गया है, 'पांच अगस्त 2017 को एसबीआइ की हटिया शाखा को झारखंड सरकार से अपने बचत खाते से 120.31 करोड़ रुपये के छह डेबिट एडवाइस मिले थे। यह राशि एसबीआइ सहित विभिन्न बैंकों के खाते में भेजी जानी थी।' इसमें से 20.29 करोड़ रुपये एसबीआइ और 100.01 करोड़ अन्य बैंक खातों में भेजे गए।
तिवारी और कुमार ने इस राशि को अपने विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिया। एफआइआर के अनुसार, 20 नवंबर को एसबीआइ 79 करोड़ रुपये वापस लेने में कामयाब रहा, लेकिन 23.28 करोड़ रुपये वापस नहीं हो सके।
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