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यहां कलम की जगह हथियार संभाल रहे छात्र, पिस्टल को बोलते हैं जूता

कॉलेज जाने वाले छात्र कलम-कॉपी की जगह हथियार संभाल रहे हैं। हथियार का शौक इन छात्रों की जिंदगी को बर्बाद कर रहा है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 04:09 PM (IST)
यहां कलम की जगह हथियार संभाल रहे छात्र, पिस्टल को बोलते हैं जूता
यहां कलम की जगह हथियार संभाल रहे छात्र, पिस्टल को बोलते हैं जूता

फहीम अख्तर, रांची। 'मुंगेरिया हथियार' यानी बिहार के मुंगेर का हथियार चाहिए, तो आप रांची में कॉलेज के छात्रों से संपर्क कर सकते हैं। कॉलेज जाने वाले छात्र इन दिनों कलम-कॉपी की जगह हथियार संभाल रहे हैं।

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अधिकतर छात्रों की दिलचस्पी हथियारों में है। छात्र किसी विषय के फॉर्मूले से ज्यादा रेंज फायरिंग, क्त्रॉस फायरिंग और शूटिंग की समझ अधिक रखने लगे हैं। यह बात हम नहीं, रांची पुलिस कह रही है।

दरअसल, रांची के कॉलेज छात्रों को मुंगेरिया हथियार तस्करों ने आ‌र्म्स सप्लायर बना दिया है। हथियार का शौक इन छात्रों की जिंदगी को बर्बाद कर रहा है। नतीजतन, छात्र पेशेवर आ‌र्म्स सप्लायर बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। पुलिस की नजर अब इन छात्रों पर है। इस गैंग के बारे में पुलिस को जानकारी तो लगी है, लेकिन अभी तक बड़ी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

हथियारों की तस्करी में छात्रों के शामिल होने से राजधानी रांची में धड़ल्ले से मुंगेरिया हथियार बिक रहे हैं। यही कारण है कि इस साल अक्टूबर तक रांची में 56 आ‌र्म्स एक्ट के मामले दर्ज हो चुके हैं। वहीं 131 हत्या के मामले सामने आए। इनमें 90 फीसद हत्याओं में अवैध हथियार का इस्तेमाल हुआ है। रांची के सुखदेव नगर, हिंदपीढ़ी, लोअर बाजार, अरगोड़ा, सदर और पंडरा क्षेत्र में अपराधी खुलेआम मुंगेरिया हथियार लहरा रहे हैं।

इसमें छात्रों को अपने नेटवर्क का हिस्सा बनाया गया है। इन कॉलेज छात्रों से डेढ़ हजार से लेकर दस हजार तक के हथियारों की तस्करी कराई जा रही है। लगातार हथियार के साथ पकड़े जा रहे कॉलेज छात्रों से इस बात की पुष्टि होती है कि छात्र किस तरह कलम छोड़ हथियार पकड़ रहे हैं।

रांची के कॉलेज छात्र हथियारों की सप्लाई में कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। हथियारों की लेनदेन में पिस्टल को जूता और गोलियों को मोजा कहते हैं। फोन पर बातचीत में भी जूते और मोजा दिलाने की बात कह रेट तय होती है। लोकल अपराधी मुंगेरी पिस्तौल को सस्ता और बेहतर क्वालिटी का मानते हैं। रांची में मुंगेर की देसी पिस्तौल के साथ नाइन एमएम की पिस्टल आसानी से उपलब्ध हैं। वहीं ऑर्डर देने पर कारबाइन, इंसास, स्टेनगन, ऑटोमेटिक रायफल तैयार कर उपलब्ध कराई जाती है।

छात्रों का मोहभंग करने में जुटी पुलिस

रांची पुलिस इन हथियार तस्करों का नेटवर्क तोड़ कॉलेज छात्रों का मोहभंग करने में जुटी है। पुलिस ऐसे छात्रों को चिह्नित कर रही है। हथियार तस्करों के गैंग के बारे में भी पुलिस को जानकारी मिली है लेकिन इसे ठोस तरीके से नेस्तनाबूद करने की योजना है।

डीएसपी सदर सह पुलिस प्रवक्ता विकास चंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि सभी थानेदारों को इसके लिए अवैध हथियारों की सर्चिंग का निर्देश दिया गया है। समय-समय पर एंटी क्त्राइम चेकिंग चलाई जा रही है। सूचना पर लगातार छापेमारी की जा रही है। बहुत ही जल्द इस नेटवर्क को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा।

मुंगेर में अवैध हथियार की दर

देसी कट्टा - 1500 से 3000 रुपये

नाइन एमएम पिस्टल - 8000-12000 रुपये

कारबाइन - एक लाख रुपये

एके 47 - 1.80 लाख रुपये

सिक्सर - 5000-8000 रुपये

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