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भूख से बच्ची की मौत के मामले में केंद्र ने झारखंड सरकार से मांगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से उन्हें अत्यधिक पीड़ा हुई है। उन्होंने परिजनों को सहायता राशि देने का निर्देश दिया।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 18 Oct 2017 09:26 AM (IST)Updated: Wed, 18 Oct 2017 04:55 PM (IST)
भूख से बच्ची की मौत के मामले में केंद्र ने झारखंड सरकार से मांगी रिपोर्ट
भूख से बच्ची की मौत के मामले में केंद्र ने झारखंड सरकार से मांगी रिपोर्ट

रांची, जेएनएन। झारखंड के सिमडेगा में बच्ची की मौत के मामले में केंद्र सरकार जांच के लिए एक टीम भेजेगी। झारखंड सरकार से रिपोर्ट भी मांगी गई है।

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इस मामले में चारों ओर से उठ रहे सवालों को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उपायुक्त (डीसी) को स्वयं जांच करने का आदेश दिया है। 11 वर्षीय बच्ची की मौत के बाद कुछ स्थानीय संगठनों ने भूख से मौत होने का आरोप लगाया है।

इस मामले में उपायुक्त के स्तर से अधिकारियों द्वारा कराई गई जांच में मौत की वजह मलेरिया को बताया गया था। इस रिपोर्ट के बाद सीएम ने स्वयं उपायुक्त को जाकर जांच करने को कहा और 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना से उन्हें अत्यधिक पीड़ा हुई है और उन्होंने तत्काल 50 हजार रुपये की सहायता राशि बच्ची के परिजनों को देने का निर्देश दिया।

बच्ची की मौत की वजह चाहे जो हो, जुलाई से राशन नहीं मिला

वहीं, मंगलवार को मीडिया से मुखातिब खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने कहा कि सिमडेगा में 11 वर्ष की बच्ची की मौत की वजह चाहे जो हो, उसे जुलाई से राशन नहीं मिला था। आधार से लिंक नहीं रहने के कारण उस परिवार का राशन कार्ड रद कर दिया गया था। मौत के कारणों की सही जानकारी ली जा रही है।

सिमडेगा डीसी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच कर रही है। दोष साबित हुआ तो अफसर बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मौत की वजह बीमारी बताती है, जबकि राशन नहीं मिलना भूख से मौत की ओर भी इशारा करता है। आधार नहीं रहने पर किसी परिवार का राशन कार्ड रद कर दिया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। मंत्री ने इससे पूर्व राज्य कैबिनेट की बैठक में भी इस मामले को जोरदार ढंग से उठाया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकारी एक चैनल के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उनका इशारा मुख्य सचिव की ओर था। उन्होंने कहा कि मार्च में मुख्य सचिव ने उपायुक्तों संग वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। इसमें उन्होंने ऐसे राशन कार्ड को रद करने को कहा था, जो आधार से नहीं जुड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने पर सख्त पाबंदी लगा रखी है। विभाग ने मुख्य सचिव के इस निर्देश पर न सिर्फ आपत्ति जताई, बल्कि कई बार रिमाइंडर भी भेजा।

उल्लेखनीय है कि कारीमाटी बस्तीटोली गांव (सिमडेगा) में गरीबी व भूख से संघर्ष कर रहे ताताय नायक की 11 साल की बेटी संतोषी कुमारी की पांच अक्टूबर को मौत हो गई थी। परिवार का कहना था कि मौत गरीबी व भूख के कारण हुई है।

 भूख नहीं, बीमारी से हुई संतोषी की मौत : डीसी

 सिमडेगा : कथित रूप से भूख से हुई बच्ची संतोषी की मौत के मामले में उपायुक्त मंजूनाथ भजंतरी ने मंगलवार को रात्रि में प्रेसवार्ता की। उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को खुद अधिकारियों की टीम के साथ संबंधित गांव में जाकर पूछताछ की। इसमें संतोषी के रिश्तेदारों समेत अन्य लोगों ने बताया कि संतोषी की मौत भूख से नहीं, बल्कि बीमारी से हुई है।

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