धौनी व भूटिया ओलंपिक के लिए तैयार करेंगे पदक विजेता
महेंद्र सिंह धौनी, वाइचुंग भूटिया व सुदेश महतो झारखंड में ओलंपिक में पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को तैयार करेंगे।
संजीव रंजन, रांची। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी, भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान वाइचुंग भूटिया व पूर्व खेलमंत्री व आजसू प्रमुख सुदेश महतो अब झारखंड में ओलंपिक में पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को तैयार करेंगे।
झारखंड स्पोर्ट्स वेलफेयर फाउंडेशन ने इसके लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के तीन खिलाड़ियों का चयन किया है। धौनी, भूटिया व सुदेश तीनों ही इसके मेंटर हैं। समय समय पर वे इन खिलाडि़यों के साथ अपने अनुभव को बाटेंगे।
साई के तीन खिलाड़ियों को लिया गोद
फाउंडेशन ने पहले चरण में साई के तीन खिलाड़ियों प्रियंका केरकेट्टा, अनुरुपा कुमारी व सपना को गोद लिया है। प्रियंका केरकेट्टा ने जूनियर नेशनल एथलेटिक्स के लंबी कूद में रजत पदक जीता था जबकि अनुरुपा कुमारी 110 मीटर बाधा दौड़ में रजत जीतने में सफल हुई थी। सपना कुमारी ने भी जूनियर नेशनल में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। तीनों ही साई रांची की प्रशिक्षु है।
20 साल से ऊपर के खिलाड़ियों का कोई ठिकाना नहीं
प्रदेश में 20 साल के हो चुके प्रतिभावान खिलाड़ियों का अभी कोई ठिकाना नहीं है। साई सेंटर हो या राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय सेंटर वहां पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ी या तो खेल से दूर हो जाते हैं या फिर दूसरे राज्य में नौकरी के लिए पलायन कर जाते हैं। इस स्थिति से उबरने के लिए ही फाउंडेशन ने प्रतिभावान खिलाड़ियों को तैयार करने का बीड़ा उठाया है।
सेंटर से निकलने के बाद भी कर सकेंगे बेहतर अभ्यास
साई सेंटर छोड़ने के बाद तीनों खिलाडि़यों को वहीं सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जो उन्हें साई में मिल रही है। उन्हें बेहतर प्रशिक्षकों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उनके खाने व रहने के अलावा प्रतियोगिता में भाग लेने का सारा खर्च फाउंडेशन उठाएगा। साई सेंटर में रहते हुए भी इन खिलाडि़यों को फाउंडेशन मदद करता रहेगा।
कप्तान देंगे टिप्स
तीनों खिलाड़ियों को धौनी, भूटिया व सुदेश महतो से भी टिप्स दिया जाएगा। जब भारतीय टीम के पूर्व कप्तानों को समय मिलेगा वे प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों से मिलकर उन्हें टिप्स देंगे।
हम लोग हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर खिलाड़ी तैयार करेंगे। सेंटर से निकलने के बाद भी उनके अभ्यास में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इससे यहां से खिलाड़ियों का पलायन रुकेगा तथा अच्छे खिलाड़ी निकलेंगे। जो ओलंपिक समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक जीतने का जज्बा रखेंगे।
-सुदेश महतो, पूर्व खेलमंत्री सह मेंटर झारखंड स्पोर्ट्स वेलफेयर फाउंडेशन
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यह बहुत अच्छी पहल है। सेंटर से निकलने के बाद प्रतिभावान खिलाड़ी गुम हो जाते हैं। फाउंडेशन ने तीन खिलाड़ियों को गोद लिया है। इससे उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगा।
-सुशील वर्मा, प्रभारी, साई
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फाउंडेशन ने यह बहुत बड़ा काम किया है। इससे दूसरे खिलाड़ियों में भी आत्मविश्वास बढ़ेगा और उनका खेल करियर लंबा होगा।
-विनोद सिंह, कोच, साई
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