झारखंड के परिवार से गीता का डीएनए टेस्ट कराने को लिखा पत्र
पाकिस्तान से भारत आई मूक-बधिर गीता पर झारखंड के एक परिवार ने बेटी होने का दावा किया है।
नई दुनिया, इंदौर। दो साल पहले पाकिस्तान से भारत आई मूक-बधिर गीता पर झारखंड के एक परिवार ने बेटी होने का दावा किया है। इस परिवार से इंदौर के पुरोहित दंपती ने चर्चा की और गीता से हुई कई बातें इससे मिलती-जुलती मिली हैं। दंपती ने विदेश मंत्री से झारखंड के परिवार से गीता का डीएनए टेस्ट करने के लिए चिट्ठी लिखी है।
हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का गीता के परिवार को खोजने के लिए मार्मिक अपील वाला वीडियो जारी हुआ था। इस बीच पाकिस्तान के ईदी फाउंडेशन के फैजल ईदी ने भी विदेश मंत्री को पत्र लिखा था। इसमें ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित का सहयोग लेने की बात कही गई।
पाकिस्तान में गीता के रहने के दौरान पुरोहित दंपती ही लगातार गीता से ऑनलाइन संपर्क में रहते थे। सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ पुरोहित ने बताया कि पाकिस्तान में गीता ने गांव का नाम बंदो लिखा था, जबकि झारखंड के दंपती बांदू गांव के हैं। गीता ने अपना नाम गड्डी लिखा था, जबकि परिवार ने गुड्डी बताया है।
परिवार से मिलाने के लिए लगाई अर्जी
दंपती के मुताबिक गीता ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, संभवत: मात्रा में गलती की है। छह भाई-बहन और घर की भौगोलिक स्थिति भी वैसी ही है, जैसा गीता बताती थी। दंपती ने विदेश मंत्री से झारखंड के परिवार से गीता को मिलवाने की अर्जी लगाई है। इस परिवार में मां का नाम माला, पिता विजय सुमेर राम और भाई-बहन हैं। गीता दो साल से इंदौर स्थित स्कीम नंबर 71 के मूक-बधिर संस्थान में रह रही है। वह बार-बार अपने परिवार को याद करती है।
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