सांसद का पत्र बना 32 हजार परिवारों की आवाज
कुछ लोगों ने यह भी कहा कि पुराने होल्डिंग नंबर को सुपर स्ट्रक्चर की श्रेणी में भी नहीं लाया जा सकता।
रांची, जागरण संवाददाता। राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार द्वारा होल्डिंग टैक्स की नियमावली पर सवाल उठाए जाने के बाद शुक्रवार को नगर निगम में खलबली मची रही। अधिकारी व कर्मचारी समाधान को लेकर तरह-तरह की चर्चा में जुटे रहे।
जैसा कि जाहिर है शहर के 32,000 परिवार होल्डिंग टैक्स की समस्या से जूझ रहे हैं। सांसद पोद्दार द्वारा मेयर को लिखा गया पत्र ऐसे लोगों की आवाज बन गई है। महीनों से होल्डिंग टैक्स की वसूली पर डटा निगम सांसद के पत्र के बाद से इस मसले पर दूसरा रास्ता तलाशने में भी जुटे रहे। हालांकि, निगम अधिकारी इस पर किसी भी तरह की चर्चा से परहेज करते रहे। इस मुद्दे पर टिप्पणी में सिर्फ इतना कहते रहे कि यह मेयर व सांसद के बीच का मामला है।
निगम अधिकारी कह रहे हैं कि होल्डिंग टैक्स से संबंधित हर समस्या का समाधान है। कुछ लोगों
ने यह भी कहा कि पुराने होल्डिंग नंबर को सुपर स्ट्रक्चर की श्रेणी में भी नहीं लाया जा सकता। यदि किसी प्रॉपर्टी का बंटवारा नहीं हुआ है, तो परिवार के सभी भाइयों के नाम होल्डिंग नंबर आवंटित करने का प्रावधान है। लेकिन इस कार्य के लिए संबंधित व्यक्ति को बंटवारानामा देना होगा। निगम के कुछ अधिकारियों ने यह भी कहा कि 32 हजार लोग आखिर क्यों स्व कर निर्धारण की प्रक्रिया से बचना चाहते हैं। होल्डिंग टैक्स की नई नियमावली के तहत स्व कर निर्धारण की प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार ने बिना किसी फाइन के अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की थी। लगभग 1.61 लाख लोग स्व कर निर्धारण के तहत अपने भवन के होल्डिंग टैक्स का एसेसमेंट कराकर होल्डिंग टैक्स की राशि का भुगतान कर चुके हैं।
सिर्फ यही नहीं म्यूटेशन के साथ री-एसेसमेंट से संबंधित आवेदन भी आए हैं। लेकिन 32 हजार लोगों ने अब तक अपने भवन के होल्डिंग एसेसमेंट के लिए आवेदन तक नहीं दिया। लिहाजा उनके भवन के री-एसेसमेंट में क्या परेशानी आ रही है।
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