डॉक्टर मानस रंजन को अगवा करने में पूर्व विधायक का हाथ
मानस रंजन के अपहरण में एक पूर्व विधायक का हाथ सामने आया है।
जागरण संवाददाता, रांची। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के मुर्गी दाना व्यवसायी सह पशु चिकित्सक डॉ. मानस रंजन के अपहरण में बिहार के एक पूर्व विधायक का हाथ सामने आया है। सीआइडी को उक्त गिरोह के बारे में जो जानकारी हाथ लगी है, उसके आधार पर आगे की जांच जारी रहेगी। हालांकि उक्त गिरोह के बारे में अभी कोई भी अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। वे सिर्फ इतना ही बता रहे हैं कि पीड़ित का बयान लेने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
डा. मानस रंजन की मानसिक स्थिति अभी कुछ भी बताने की नहीं है। पिछले 23 अगस्त से ही अपहर्ताओं के चंगुल में फंसे डॉ. मानस रंजन को 42 दिनों के बाद अपहर्ताओं ने मुक्त किया। इस दौरान पशु चिकित्सक को खूब यातनाएं भी दी गईं। बिहार के आरा स्थित कोइलवर से मुक्त हुए डॉ. मानस रंजन से गिरिडीह पुलिस ने भी पूछताछ की कोशिश की, लेकिन वे बेहद सहमे हुए हैं। उन्हें सुरक्षा के ख्याल से रांची लाया गया, लेकिन रांची से उन्हें उनके परिवार के साथ ओडिशा स्थित घर भेज दिया गया है।
मुक्त कराने को मोटी रकम बतौर फिरौती देने की अटकलें
पुलिस मुख्यालय में भी यह चर्चा जोरों पर है कि डॉ. मानस रंजन को मुक्त कराने में उनके परिजनों को फिरौती के रूप में मोटी रकम देनी पड़ी है। हालांकि अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। गौरतलब है कि अपहरण के बाद अपहर्ताओं ने डॉक्टर के परिजनों से पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी।
गिरिडीह से हुआ था अपहरण
अपराधियों ने 23 अगस्त की देर शाम गिरिडीह के डुमरी के समीप से भुवनेश्वर के मुर्गी दाना व्यवसायी सह पशु चिकित्सक डॉ. मानस रंजन को अगवा कर लिया था। बिहार के हाजीपुर से भुवनेश्वर जाने के दौरान अपराधियों ने उन्हें उठाया था। बरही चेकपोस्ट के सीसीटीवी फुटेज के अनुसार उन्हें बिहार की ओर ले जाने की पुष्टि हुई थी।
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