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बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव समेत 54 नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश

सीएनटी एसपीटी बिल के विरोध में बवाल के मामले में 54 नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 04 Oct 2017 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 04 Oct 2017 05:08 PM (IST)
बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव समेत 54 नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश
बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव समेत 54 नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश

जागरण संवाददाता, रांची। सीएनटी एसपीटी बिल के विरोध में 23 नवंबर को विधानसभा घेरने जा रहे नेताओं को पुलिस द्वारा रोके जाने पर हुए बवाल मामले में सिटी एसपी अमन कुमार ने सुपरविजन जारी कर दिया है। इसमे पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री रामचंद्र केशरी, बंधु तिर्की, पूर्व सांसद  भुवनेश्वर मेहता, जदयू के  प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो और विधायक प्रदीप यादव सहित 54 नेताओं की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है।

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यह आदेश जगन्नाथपुर थाना में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दिया गया है। प्राथमिकी की जांच में सभी पर लगे आरोप सही पाए गए। सभी के खिलाफ जगन्नाथपुर थाना में 23 नवंबर, 2016 को उमेश चंद्र दास तत्कालीन मजिस्ट्रेट की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में शामिल आरोपियों पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, पुलिस पदाधिकारी और जवानों के साथ धक्का-मुक्की करने, सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारा लगाने सहित अन्य आरोप थे। सभी सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव के विरोध में  विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे। सिटी एसपी ने गिरफ्तारी का आदेश हटिया डीएसपी विकास कुमार पांडेय के सुपरविजन रिपोर्ट के आधार पर  केस के आइओ दारोगा महेश कुमार को दिया है। गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस कुर्की की कार्रवाई कर सकती है।  

जानिए, क्या है आरोप
सिटी एसपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि विधायक प्रदीप यादव विधानसभा की ओर से आकर भीड़ में घुस गए और भीड़ को उकसाने का प्रयास किया। इस  कारण लोग आक्रोशित होकर अनियंत्रित हो गए। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की गयी थी। भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें कई जवानों और पदाधिकारियों को चोट लगी। स्थिति के अनियंत्रित होने पर अश्रु गैस का गोले छोड़े गए थे। आइओ को सिटी एसपी ने यह भी निर्देश दिया है कि घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई तो उसका अवलोकन कर अग्रेतर कार्रवाई करें। सभी अभियुक्तों का नाम और पता का सत्यापन किया जाए।

जानिए, क्या है मामला 
23 नवंबर को प्राथमिकी के नामजद समेत सैंकड़ो कार्यकर्ता विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने की नियत से विधानसभा की ओर जा रहे थे। सभी अरगोड़ा पुल से डिबडीह की ओर जा रहे थे। इसी बीच, अरगोड़ा चौक पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन  नहीं माने। सेटेलाइट चौक के पास लगी बैरिकेडिग तोड़कर पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की और सरकार व प्रशासन विरोधी नारा लगाते हुए वे आगे बढ़ने लगे। इसी बीच, विधायक प्रदीप यादव भी पहुंचे गए, वह विधानसभा की अंदर की बातों को बढ़ा-चढ़ा कर जुलूस में शामिल लोगों को बता कर उकसाने लगे। उग्र भीड़ पुलिस पर पथराव करने लगी। इसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अश्रु गैस के गोले दागे गए, तब जाकर भीड़ तितर-बितर हुई।

इनके खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी 
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री रामचंद्र केशरी, बंधु तिर्की, पूर्व सांसद  भुवनेश्वर मेहता, विधायक प्रदीप यादव, लक्ष्मण  स्वर्णकार,  रमेश राही, खालिद खलील, संतोष  कुमार,  योगेंद्र प्रताप सिंह, आदित्य मोनू, सीताराम जायसवाल, कृष्ण वर्मा,  रणजीत सिंह, इमरान अंसारी, मुस्तकीम खान, शिव कुमार यादव, तिलेश्वर राम,  संजय पांडेय, छोटू खान, अभिनव कुमार, सतीश सिंह, राजेंद्र चौधरी, सुधीर  कुमार, कृष्णा गुप्ता, मोहन ठाकुर, रवींद्र सिंह, प्रभात भुइयां, जदयू के  प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी हासिव खान, रामस्वरूप  यादव, पिंटू सिंह, प्रकाश नोनिया, महमूद आलम, धनंजय कुमार, फिरोज अहमद,  मुन्ना सिंह, विकास सिंह, स्मृतिकांत सिंह, जावेद मस्तान, राजू सिंह,   सुशांतो मुखर्जी, अजय सिंह, हदीश अंसारी, गौतम सागर राणा, एसआइ कादरी, मो  हातिम अंसारी, तारकेश्वर यादव, मोहसिन खान, पूनम झा, मुमताज कुरैशी, शोभा  कुरैशी, आबिद सहित अन्य अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी बनाया  गया था। 

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