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अफसरों ने किया आदिवासी भूमि का वारा-न्यारा : बंधु

रांची : झाविमो महासचिव बंधु तिर्की ने राजधानी रांची स्थित बजरा मौजे की 5.28 एकड़ आदिवासी भूमि को गैर

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 01:01 AM (IST)
अफसरों ने किया आदिवासी भूमि का वारा-न्यारा : बंधु
अफसरों ने किया आदिवासी भूमि का वारा-न्यारा : बंधु

रांची : झाविमो महासचिव बंधु तिर्की ने राजधानी रांची स्थित बजरा मौजे की 5.28 एकड़ आदिवासी भूमि को गैर आदिवासियों के नाम हस्तांतरित करने का आरोप अफसरों पर मढ़ा है। सोमवार को पत्रकारों से मुखातिब बंधु ने इस संदर्भ में कई साक्ष्य दिए। उन्होंने आदिवासी भूमि के बंदरबांट में हेहल अंचल के अंचल पदाधिकारी, अंचल निरीक्षक और राजस्व कर्मचारी की मिलीभगत बताई है। उन्होंने कहा है कि यह जमीन बजरा निवासी मासी उरांव की है, जिसे फर्जी दस्तावेज के आधार पर संजय साहु के नाम कर दिया गया। अफसरों की मिलीभगत से संबंधित जमीन का म्युटेशन तक संजय के नाम से हो गया है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव तथा राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव को पत्र लिखकर न्याय की मांग की गई है।

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बंधु तिर्की ने कहा कि सीएनटी की धारा 71ए में संशोधन कर आदिवासी भूमि की खरीद-बिक्री के नाम पर मुआवजा के प्रावधान को बंद करने का मुख्यमंत्री दावा करते हैं। इसके बावजूद येन केन प्रकारेण राज्य में आदिवासी भूमि को हड़पने का खेल बदस्तूर जारी है। सरकार ने ऐसे मामलों की पड़ताल के लिए एसआइटी तक का गठन किया, परंतु कुछ नहीं हुआ।

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