करम नदी को पुनर्जीवित करने की उठी मांग
रांची : करम नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महासचिव अशोक कुमा
रांची : करम नदी को पुनर्जीवित करने की मांग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महासचिव अशोक कुमार नाग ने गुरुवार को मेयर आशा लकड़ा को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने मेयर को चेतावनी दी है कि अविलंब इस मामले पर कार्रवाई करें। अन्यथा झामुमो इस जन समस्या को लेकर आंदोलन करेगा और हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर करेगा, जिसकी जिम्मेदारी रांची नगर निगम प्रशासन की होगी।
उन्होंने मेयर को जानकारी दी है कि पूर्व में करम टोली तालाब से डिस्टिलरी तालाब तक एक नदी बहती थी, जिसका सेटेलाइट चित्र भी उपलब्ध है। करम नदी के कारण करम टोली तालाब से डिस्टिलरी तालाब के बीच रहने वाले तीन-चार लाख लोग पानी की समस्या से ग्रसित नहीं थे। करम नदी के कारण भूगर्भ जलस्तर काफी ऊपर था। टोपोग्राफी के अनुसार करम टोली तालाब से डिस्टिलरी तालाब को जोड़ने वाली करम नदी सबसे निचली जमीनी भू-स्तर है। करम टोली व मोरहाबादी इलाके का अतिरिक्त पानी इसी मार्ग से करम नदी से होकर डिस्टिलरी तालाब होते हुए स्वर्णरेखा नदी में मिलता था। हरिहर सिंह रोड में जलजमाव की स्थिति भी करम नदी के अतिक्रमण के कारण हो रही है। हरिहर सिंह रोड समेत अन्य जगहों का पानी डॉ. एचपी नारायण के मकान के सामने से बरियातू रोड होते हुए करम नदी में मिलकर स्वर्णरेखा नदी में मिलती थी।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि पूर्व एसपी शीतल उरांव के समीप चारदीवारी का निर्माण करा दिया गया है। जिसके कारण पानी का निकास संभव नहीं हो पा रहा है। करम टोली तालाब से डिस्टिलरी तालाब के बीच की जमीन ग्रीन लैंड है। इस जमीन पर कई मैरेज हॉल, गैरेज, मकान व फ्लैट का अवैध रूप से निर्माण कर दिया गया है, जो सेटेलाइट चित्र में भी उपलब्ध है। भविष्य में आने वाली आपदाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा है कि रांची में भी केदारनाथ की तरह घटना न हो। वहां भी पानी के निकास के जगह पर फ्लैट बनाए गए थे। भयंकर बाढ़ के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि डिस्टिलरी तालाब के कैचमेंट एरिया को पूरी तरह से बंद कर हौज का स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इस कार्य पर अविलंब रोक लगायी जाए। करम नदी को पुनर्जीवित किया जाए और करम टोली तालाब से डिस्टिलरी तालाब के बीच अवैध रूप से निर्मित मकानों, मैरेज हॉल, गैरेज व फ्लैटों को तोड़ा जाए।
सूखते जल स्त्रोतों पर दैनिक जागरण ने भी उठाया था मुद्दा
इससे पहले दैनिक जागरण ने भी शहर के सूखते जलस्त्रोतों को लेकर प्रमुखता से खबर छापी थी, जिसमें यहां के जलस्त्रोतों और तालाबों की स्थिति को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई थी। साथ ही यह बताया गया कि कैसे जलस्त्रोतों को भूमाफियाओं की नजर लग गई है।