बीच रास्ते से बदहवास लौटा दूल्हा, शव देख फफक पड़ा
रांची : कांके नगड़ी से रामगढ़ जिले के बासल थाना क्षेत्र के बलकुदरा गेगदा गांव के लिए निकली बरात की ख
रांची : कांके नगड़ी से रामगढ़ जिले के बासल थाना क्षेत्र के बलकुदरा गेगदा गांव के लिए निकली बरात की खुशियां मिनटों में मातम में बदल गई। महादेव उरांव के बड़े पुत्र भगत उरांव की बरात लेकर बस ढाई बजे निकली थी, पर पिठोरिया घाटी के राड़हा पुल के पीछे बस पलट गई। बस (संख्या जेएच 02-2337) स्कूल की थी। सड़क पर बस पलटने से उसपर सवार बराती बीस फीट गड्ढ़े में इधर-उधर फेंका गए। बस पर सवार बराती से दूल्हे को फोन गया कि बस पलट गई है। दूल्हा ससुराल के गांव के करीब पहुंचने वाला था, पर सूचना पाकर कार लेकर लौटा। घटनास्थल का खौफनाक मंजर देख वह फफक पड़ा। शव को देखकर अपने को संभाल न पा रहा था। पैर लड़खड़ाने लगे थे। आंखों में आंसू निकल रहे थे। घायलों में अपने भाइयों को भी ढूंढा, लेकिन पता नहीं चला। दूल्हे के मुंह से अचानक निकल पड़ा यह क्या हो गया खुशियों को।
घटनास्थल का माहौल गमगीन हो गया। बराती के नए कपड़े भी खून से रंगीन हो गए। चीख पुकार मच गई। कोई मृत पड़ा था तो कोई घायल चिल्ला रहा था। हंसते-ठहाके के साथ बरात को जाते लोगों के बीच से बचाओ-बचाओ की आवाजें आने लगी। कोई चिल्ला रहा था, तो कोई कराह रहा था। कई व्यक्तियों की जुबान बंद थी। आंखें फट पड़ी थी। कई लोगों की सांसें चल रही थीं, पर चुप थे। शरीर काम नहीं कर रहा था। जमीन पर औंधे पड़े थे। घटनास्थल पर खून के धब्बे पड़े थे। सिर की खोपड़ी गुर्दे के साथ अलग था। कई लोग चोटिल थे, तो किसी का पैर भी टूटा था। किसी के सिर से रक्त निकल रहा था, तो किसी के शरीर पर कटे के निशान थे। खून से लथपथ थे अधिसंख्य बराती।
---------
एंबुलेंस की लगी रही लाइन
सूचना पाते ही शहर के एंबुलेंस दनादन पहुंचने लगे। एक एंबुलेंस घायलों को लेकर निकलती नहीं की दूसरी एंबुलेंस लग जाती। घटनास्थल पर एंबुलेंस की लाइन लग गई। स्थानीय लोग के अलावा पुलिसकर्मी तत्परता दिखाते हुए घायलों व मृतकों को एंबुलेंस में सवार कर भेजते दिखे। एंबुलेंस पहुंचने के पूर्व पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई घायलों को ट्रैक्टर व पुलिस की पीसीआर गाड़ी से भी अस्पताल पहुंचाया। हर व्यक्ति किसी ने किसी रूप में दूसरे को सहयोग कर रहा था। स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। हालांकि, इसके पूर्व ही पुलिस ने तत्परता के साथ घायल व मृतकों को रिम्स पहुंचाया था। लोगों की मदद से कुछ घायलों को स्थानीय अस्पताल भी ले जाया गया। दूल्हे के गांव के लोग भी पहुंचे थे। रोते बिलखते महिला-पुरुष अपनों को ढूंढ रहे थे। पुलिसकर्मी व स्थानीय लोग संवेदनशीलता के साथ उन्हें रिम्स जाने की सलाह दे रहे थे।
---
परिजन खोज रहे थे सामान
बराती के कई परिचित व सगे-संबंधी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे। वे बस में चढ़कर व घटनास्थल पर अपनों की सामान या कुछ निशान खोज रहे थे।
---
बिखरे पड़े थे खून, जूता-चप्पल व पानी की बोतलें
बस व उसके नीचे जूता-चप्पल बिखरे पड़े थे। कोई बच्चे का था तो कोई बड़े का। बस पलटने की सूचना पाकर तत्काल पिठोरिया पुलिस पहुंची। इसके बाद यातायात एसपी संजय रंजन सिंह सहित पीसीआर के वाहन के साथ पुलिसकर्मी पहुंचे थे। यातायात पुलिस भी पहुंची थी। पुलिसकर्मियों ने जूता-चप्पल, पानी की बोतलों को एकत्र किया। सभी को एक झोले में लेकर पुलिस पिठोरिया थाना ले गई।
----
भीड़ से घटनास्थल पर लगा जाम
बस पलटने की घटना के बाद सड़क पर आमजनों की भीड़ लग गई। वहीं, सड़क के दोनों ओर छोटी बड़ी गाड़ियों की कतार लग गई। यातायात पुलिस व सामान्य वर्दीधारी पुलिसकर्मियों ने जाम को हटवाया। इससे सड़क खाली हुई और यातायात व्यवस्था दुरुस्त हुई।
---
दुर्घटनाग्रस्त बस को तुरंत उठाया
बस के नीचे बरातियों के दबे होने के संदेह पर पुलिसकर्मियों ने क्रेन गाड़ी बुलवाकर एक घंटे के भीतर ही बस को उठवाया। इसके बाद उसे पिठोरिया थाने में लगवाया गया। बस क्षतिग्रस्त हो गई थी। सामने सहित खिड़की के अन्य शीशे टूटे हुए थे। वहीं, उसकी बॉडी भी क्षतिग्रस्त हो गई थे। बस उठने के बाद भी घायल निकले।