सबको बिजली, पानी और सड़क देंगे: सीएम रघुवर दास
नीति आयोग के समक्ष झारखंड के विकास का रोड मैप प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सबको बिजली, पानी व सड़क मुहैया कराने का वादा किया है।
रांची, जेएनएन। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नीति आयोग के समक्ष झारखंड के विकास का रोड मैप प्रस्तुत करते हुए सबको बिजली, पानी व सड़क मुहैया कराने का वादा किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या, केंद्रीय मंत्रियों समेत राज्य के मुख्यमंत्रियों की बैठक में सीएम ने इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासो की चर्चा करते हुए किसानों की आय दोगुनी करने की कटिबद्धता जताई। उन्होंने महिला सशक्तिकरण व ग्रामीण विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भी चर्चा की।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने कोऑपरेटिव फेडरलिज्म के सिद्धांतों को प्रतिपादित कर देश व राज्यों के विकास को नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि 14वें विला आयोग की अनुसंशा पर राज्यों को अतिरिक्त वित्तीय डिवोल्यूशन, केंद्रीय योजनाओं को पुनर्गठित कर उनकी संख्या कम करने तथा उनमे संघ एवं राज्यों की हिस्सेदारी को तार्किक बनाए जाने के झारखंड मे अच्छे परिणाम दिखने लगे है।
सीएम राज्य के विलाीय वर्ष 2017-18 के बजट की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में बजट को एडवांस किया गया है। विलाीय वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व ही लगभग 40 हजार करोड़ की योजनाएं स्वीकृत कर दी गई है, जिनका कार्यान्वयन भी शुरू हो चुका है। इनमे एक लाख महिला सखी मंडलों को स्मार्ट फोन देने का शुभारंभ स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह अप्रैल 2017 को साहिबगंज में किया। उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षो मे जहां बजट का 60-65 फीसद ही उपयोग हो पाता था, वही हाल ही मे समाप्त हुए विलाीय वर्ष में हमारे राज्य मे 94 प्रतिशत राशि का उपयोग हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की गरीबी दूर करने, शिक्षा मे सुधार, कौशल विकास एवं रोजगार, किसानों की आय दोगुनी करना, जल संरक्षण, सभी के लिए ऊर्जा, स्वच्छता अभियान एवं सबके लिए पेयजल की व्यवस्था एवं वंचित वर्ग एवं क्षेत्र के लिए विशेष कार्यक्रमो की दीर्घकालिक योजना तैयार की गई है। 15 वर्षीय इस दीर्घकालिक परिकल्पना का विजन पेपर नीति आयोग को भेजा गया है।
मुख्यमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गए कार्यो को भी नीति आयोग के समक्ष साझा किया। बताया कि राज्य का एक जिला, चार नगर निकाय, 22 प्रखंड, 694 ग्राम पंचायत एवं 3,945 गांव खुले मे शौच से मुक्त हो चुके है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने विलाीय समावेशन के तहत हासिल उपलब्धियो की भी चर्चा की। बताया राज्य में कुल 97.62 लाख जनधन खाते खोले जा चुके हैं। इनमे 83.89 लाख खातो को आधार से जोड़ा जा चुका है। 53.96 लाख खातों के मोबाइल नंबर की सीडिंग भी हो चुकी है।
आधारभूत संरचना पर जोर:
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आगामी तीन वर्षो में सभी घरों को 24 घंटे बिजली मुहैया कराने की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। कुल 20,452 गांवों में से 19,835 गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है। शेष 617 गांवों में से 404 गांव जुलाई तक विद्युतीकृत कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने स्वीकारा कि राज्य की अधिकांश आबादी को पाइप लाइन से जलापूर्ति की सुविधा नहीं है। इससे निपटने के लिए एनआरडीडब्ल्यूपी के अलावा डिस्टि्रक मिनरल फंड (1050 करोड़ रुपये) का उपयोग कर 50 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल पाइप जलापूर्ति की योजना कार्यान्वित की जा रही है। सभी गांवों में पाइप जलापूर्ति के लिए विश्र्व बैक की सहायता से 8500 करोड़ रुपये की पेयजलापूर्ति योजना की परियोजना भी तैयार की जा रही है। सड़कों का घनत्व भी बढ़ाया जा रहा है।
जीडीपी मे वृद्धि लेकिन प्रति व्यक्ति आय कम:
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2015-16 मे जीएसडीपी में 12.1 प्रतिशत की वृद्धि रही जो कि राष्ट्रीय औसत से कही अधिक है। हालांकि इस समयावधि मे राज्य की प्रति व्यक्ति आय 62,816 रुपये रही जो कि राष्ट्रीय औसत 93,231 रुपये से कम रही। इसे देखते हुए सरकार ने अपना फोकस गरीब कल्याण पर रखा है।
इन पर होगा विशेष जोर:
- कृषि, पशुपालन, सहकारिता एवं सिंचाई के माध्यम से ग्रामीण आय को दोगुना करना।
- महिलाओ में सहकारिता तथा उद्यमिता को विकसित कर सखी मंडलों के माध्यम से उन्हें स्वावलंबी बनाना।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति, आदिम जनजाति तथा अल्पसंख्यको का समग्र विकास।
- शिक्षा, शैक्षणिक गुणवलाा एवं कौशल विकास तथा स्वास्थ्य।
- आधारभूत संरचना का विकास तथा 24 घंटे विद्युत व्यवस्था।
- उद्योग एवं श्रम सुधार।
- पेयजल एवं स्वच्छता।
- नगरीय संरचना में वृद्धि।
- प्रशासन के प्रत्येक पहलू मे सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर उसे पारदर्शी बनाना।
- भ्रष्टाचार मुक्त एवं जनभागीदारी सुनिश्चित करना।
- राज्य की सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण।
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