सिंदूर के जरिये होगी अपराधियों की पहचान
रांची : अभी तक हमने फिंगर प्रिंट से अपराधियों को पकड़ने या फिर किसी बड़ी वारदात के पर्दाफाश की बात सु
रांची : अभी तक हमने फिंगर प्रिंट से अपराधियों को पकड़ने या फिर किसी बड़ी वारदात के पर्दाफाश की बात सुनी थी, लेकिन अब सिंदूर के जरिये अपराधियों की गिरफ्तारी होगी। इतना ही नहीं अब वह दिन भी दूर नहीं जब पुलिस होठों के निशान से ही अपराधियों तक पहुंच जाएगी। मालूम हो कि विदेश में इस तकनीक के लिए केमिकल का उपयोग होता है, लेकिन रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस, रांची) के डॉ. नरेंद्र नाथ सिंह के तीन साल के शोध के बाद अब सिंदूर के जरिये फिंगर प्रिंट लिया जा सकेगा।
डॉ. नरेंद्र का सिंदूर पर शोध फॉरेंसिक जर्नल में भी प्रकाशित हो चुका है। अमेरिका के अटलांटा में फॉरेंसिक रिसर्च एंड टेक्नालॉजी के चौथे अंतराष्ट्रीय सेमिनार में 35 विश्वविद्यालय से जुड़े विशेषज्ञों के बीच डॉ. नरेंद्र ने अपनी तकनीक को प्रमाणित करा लिया। इसके बाद विशेषज्ञों ने इस शोध को पेटेंट कराने की इजाजत दे दी। डॉ. नरेंद्र ने अपने शोध को पेटेंट कराने के लिए आवेदन दिया है।
कारगर साबित होगी तकनीक
अपराधियों को पकड़ने के लिए भारत में फॉरेंसिक विभाग की टीम फिंगर प्रिंट व लिप प्रिंट उठाने के लिए एक पाउडर का इस्तेमाल करती है। वहीं विदेश में इसी के लिए लाइसोक्रोम डाई केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमत पांच ग्राम पाउडर के लिए 15 से 20 हजार रुपये पड़ती है। भारत में भी कुछ चर्चित मामलों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। वहीं इस तकनीक से सिंदूर में उपस्थित लेड ऑक्साइड से आसानी से कोई भी प्रिंट उठाए जा सकते हैं। इस तकनीक के इस्तेमाल से किसी भी तरह के प्रिंट को उठाने में काफी कम खर्च आएगा।
कैसे काम करेगा सिंदूर
डॉ. नरेंद्र ने बताया कि किसी भी घटना के बाद मौके पर उपलब्ध चीजों जैसे कपड़े, कप आदि से लिप या फिंगर प्रिंट लिया जाता है। इसे लेने के बाद बरामद की गई वस्तुओं पर सिंदूर का छिड़काव कर उसे एक सादे पारदर्शी टेप के सहारे उठाकर रखा जाएगा। उसके बाद संभावित व्यक्ति के लिप या फिंगर प्रिंट से मिलान कर जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान की जा सकेगी।
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