नेतरहाट स्कूल के प्राचार्य के खिलाफ जांच का आदेश
रांची : राज्य के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट आवासीय विद्यालय में आजकल सबकुछ ठीक नहीं चल रहा
रांची : राज्य के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट आवासीय विद्यालय में आजकल सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहां कई अनियमितता की शिकायत राज्य सरकार को मिल रही है। इसमें विद्यालय के प्राचार्य विंध्याचल पांडेय की संलिप्तता सामने आ रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक को भी इस संबंध में कई शिकायतें मिली हैं। सचिव ने इसे देखते हुए प्राचार्य के विरुद्ध जांच का आदेश दिया है।
सचिव ने गुरुवार को लातेहार के उपायुक्त को पत्र लिखकर प्राचार्य के विरुद्ध मिली शिकायतों की जांच का आदेश दिया। उन्होंने उपायुक्त को तमाम शिकायतों पर 5 मई तक रिपोर्ट देने को कहा है। सचिव ने इस पत्र की कॉपी प्रमंडलीय आयुक्त को भी भेजी है। सचिव को विद्यालय की गरिमा के अनुरूप पढ़ाई नहीं होने, भवन निर्माण में अनियमितता आदि की कई शिकायतें मिली थीं। इधर, सचिव ने विद्यालय के भवन निर्माण व जीर्णोद्धार आदि कार्यो को लेकर राज्य सरकार द्वारा दिए गए 58.79 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है। उन्होंने प्राचार्य को पत्र लिखकर प्रत्येक वर्ष मिली राशि और खर्च हुई राशि का पूरा ब्योरा देने को कहा है। राज्य सरकार ने विद्यालय को अनुदान के रूप में यह राशि वर्ष 2006-07 से 2016-17 तक उपलब्ध कराई है।
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प्रवेश परीक्षा में बाहरी के पास होने की भी जांच :
सचिव ने विद्यालय में इस साल नामांकन के लिए ली गई प्रवेश परीक्षा में दूसरे राज्यों के बच्चों के उत्तीर्ण हो जाने की भी जांच का आदेश दिया है। उन्होंने पलामू के आयुक्त से इस संबंध में जांच कर रिपोर्ट देने का अनुरोध किया है। सचिव ने इस संबंध में प्राचार्य से भी स्पष्टीकरण पूछते हुए यह बताने को कहा है कि इसमें सच्चाई क्या है? उल्लेखनीय है कि पिछले साल की तरह इस साल भी प्रवेश परीक्षा में दूसरे राज्यों के बच्चों के उत्तीर्ण होने का मामला सामने आ रहा है। हालांकि अभी उनका नामांकन नहीं हुआ है।
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बच्चों के लिए खरीदे जा रहे थे रिस्ट वाच :
प्राचार्य ने छात्रों के बीच रिस्ट वाच वितरित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी। जब इसकी शिकायत राज्य सरकार को पहुंचने लगी तो प्राचार्य ने आनन-फानन में टेंडर रद किया। यह टेंडर प्रक्रिया उस समय शुरू हुई जब नेतरहाट विद्यालय प्रबंधन समिति की राज्य कार्यकारिणी भंग हो गई थी। बताया जाता है कि इसपर विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई थी।
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