लाइट मेट्रो रेल के पांच मॉडलों में उलझी सरकार
विनोद श्रीवास्तव, रांची : राजधानी रांची के लिए लाइट मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने से पूर्व
विनोद श्रीवास्तव, रांची : राजधानी रांची के लिए लाइट मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने से पूर्व सरकार परियोजना के वित्त पोषण के पांच मॉडलों में उलझकर रह गई है। वित्त संपोषण के ये मॉडल सिंगापुर, हांगकांग, जापान, के साथ-साथ मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, कोच्चि, विजयवाड़ा, लखनऊ, नागपुर, अहमदाबाद आदि शहरों में संचालित और प्रस्तावित मेट्रो परियोजनाओं पर केंद्रित है। राज्य की मौजूदा परिस्थितियों में कौन सा मॉडल उपयुक्तहोगा, नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा तुलनात्मक रिपोर्ट पर माथापच्ची शुरू हो गई है। अप्रैल अंत तक इन मॉडलों में से किसी एक पर अंतिम निर्णय ले लिए जाने का दावा विभाग का है। इसके बाद मेट्रो के परिचालन से संबंधित कंसलटेंट एजेंसी आइडीएफसी द्वारा तैयार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) सहमति के लिए कैबिनेट को भेजी जाएगी। कुल 4,120 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 2019 तक राजधानी की धरती पर उतारने की सरकार की तैयारी है। प्रथम चरण में लाइट मेट्रो रेल 17 स्टेशनों से होकर गुजरेगी।
प्रस्तावित स्टेशन
सीआरपीएफ मुख्यालय, सचिवालय, जेएससीए स्टेडियम, विश्वनाथ शाहदेव चौक , प्रस्तावित स्मार्ट सिटी, हटिया स्टेशन, बिरसा चौक, हिनू चौक, शिवपुरी, मेकॉन चौक, राजेंद्र चौक, रांची रेलवे स्टेशन, सैनिक मार्केट, अलबर्ट एक्का चौक, यूनिवर्सिटी व कचहरी चौक।
प्रस्तावित विकल्पों पर एक नजर
मॉडल एक : राज्य सरकार के वित्त पोषण से झारखंड अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (जुटकोल) के नियंत्रणाधीन संचालित।
मॉडल दो : परियोजना निर्माण जुटकोल का, संचालन की जवाबदेही पीपीपी मोड पर।
मॉडल तीन : बिल्ड आपरेट ट्रांसफर (बीओटी) मोड। परियोजना निर्माण एवं संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर। ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) की जवाबदेही सरकार अथवा जुटकोल की।
मॉडल चार : परियोजना निर्माण एवं संचालन पीपीपी मोड पर। टीओडी पीपीपी मोड पर।
मॉडल पांच : दिल्ली एयरपोर्ट मॉडल। परियोजना निर्माण जुटकोल व संचालन का जिम्मा पीपीपी मोड पर।