सरकार चूकी अनुदान से, बीपीएल इलाज से
रांची : राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के एक विभाग से दूसरे विभाग को हस्तांतरण करने तथा इस
रांची : राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के एक विभाग से दूसरे विभाग को हस्तांतरण करने तथा इसके स्थान पर समेकित योजना शुरू करने के प्रयास का खामियाजा बीपीएल परिवारों को उठाना पड़ रहा है। वहीं, इस योजना के बंद होने से राज्य केंद्र से अनुदान लेने से भी वंचित हो गया है। केंद्र सरकार योजना के लिए प्रत्येक वर्ष लगभग 50 से 60 करोड़ रुपये केंद्रांश (योजना का 75 फीसद) के रूप में देती है।
इधर, इस योजना के बदले राज्य में सभी नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने को लेकर प्रस्तावित 'मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना' अप्रैल माह से भी शुरू नहीं हो सकेगी। अभी इस योजना पर जहां दोबारा कैबिनेट से स्वीकृति लेनी है, वहीं इसके लिए बीमा कंपनियों का भी चयन होना बाकी है। पिछले साल जून में कैबिनेट से स्वीकृत होने के बावजूद इसमें कुछ संशोधन को लेकर दोबारा प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक जिम्मेदार पदाधिकारी का कहना है कि केंद्र ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की जगह नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम इस साल अप्रैल माह से लागू करने का निर्णय लिया है। इसमें अब लोगों का तीस हजार के बजाए एक लाख रुपये का बीमा कराने का प्रावधान किया गया है। इस कारण अब मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रारुप में कुछ संशोधन करना पड़ रहा है।
राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना सितंबर 2015 से ही बंद है। केंद्र के निर्देश पर इस योजना को श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग से स्वास्थ्य विभाग में हस्तांतरित करने तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा नए सिरे से प्रक्रिया शुरू करने में हुई देरी के कारण योजना बंद रही। इस बीच, राज्य सरकार ने इस योजना की जगह पर समेकित रूप में नई योजना लाने का निर्णय लिया।
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क्या थी स्वास्थ्य बीमा योजना :
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना में तीस रुपये के प्रीमियम का भुगतान करने पर परिवार के पांच सदस्यों को तीस हजार रुपये तक का इलाज सूचीबद्ध अस्पतालों में निश्शुल्क होता था। इसका लाभ बीपीएल परिवारों, मनरेगा कर्मी, भवन निर्माण मजदूर, घरेलू कामगार, बीड़ी मजदूर, सफाई कर्मी, रेलवे कुली, रिक्शा चालक, ऑटो रिक्शा चालक, कचरा चुनने वाले आदि को मिलता था।
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नई समेकित योजना में क्या? :
नई समेकित बीमा योजना में बीमा कराने वाले परिवार के मुखिया सहित उसके पांच सदस्यों को सामान्य बीमारी की स्थिति में 50 हजार रुपये तथा गंभीर बीमारी की स्थिति में दो लाख रुपये का निश्शुल्क इलाज अस्पतालों में करने का प्रावधान किया गया है। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभुकों के मामलों में सामान्य बीमारियों की बीमा में पचास हजार में तीस हजार रुपये तथा वरिष्ठ नागरिकों के अतिरिक्त तीस हजार के बीमा के लिए आनेवाले प्रीमियम में 60 फीसद का भुगतान केंद्र द्वारा किए जाने की बात कही गई है। अन्य मामले में शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करना है।
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