दस्तावेज देने में आनाकानी करनेवालों का बताएं नाम
रांची : रिनपास में अवैध नियुक्ति व वित्तीय अनियमितता के मामले की सुनवाई शनिवार को भ्रष्टाचार निरोधक
रांची : रिनपास में अवैध नियुक्ति व वित्तीय अनियमितता के मामले की सुनवाई शनिवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के विशेष न्यायाधीश आशुतोष दुबे की अदालत में हुई। दो पूर्व स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू व राजेंद्र सिंह, पूर्व स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी, पूर्व निदेशक डॉ. अमूल रंजन आदि आरोपियों की अग्रिम जमानत पर सुनवाई में कोर्ट ने सख्ती दिखाई। सुनवाई के दौरान रिनपास के प्रभारी निदेशक डॉ. सुभाष सोरेन व अनुसंधान पदाधिकारी केके झा पूर्व आदेश पर कोर्ट में सशरीर उपस्थित थे। सुभाष सोरेन ने कोर्ट को बताया कि जिनके खिलाफ मामला दर्ज है, अधिकतर दस्तावेज उन्हीं के पास है। इस कारण उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराने में समस्या आ रही है। कोर्ट ने कहा कि जो लोक सेवक मामले की जांच कर रहे हैं एसीबी को दस्तावेज देने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके नाम बताएं। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 24 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।
एसीबी में आरोप है कि डॉ. अमूल रंजन को रिनपास के निदेशक का प्रभार गलत तरीके से दिया गया था। वे इस पद के लिए आवश्यक योग्यता नहीं रखते थे। वर्ष-2010 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हेमलाल मुर्मू ने पीतपत्र पर डॉ. अमूल रंजन को रिनपास का प्रभारी निदेशक बनाए जाने की अनुमति दी थी। वर्ष 2013 में तत्कालीन सरकार ने उन्हें हटा दिया। निदेशक पद के लिए बहाली निकाली, लेकिन कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलने की बात कही गई। इसके बाद तत्कालीन प्रधान सचिव बीके त्रिपाठी की अनुशंसा पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने डॉ. अमूल रंजन को 2014 में रिनपास का प्रभारी निदेशक बनाने की अनुमति दी। जबकि विभाग में दो एमबीबीएस डॉक्टर प्रभारी निदेशक बनाए जाने के लिए मौजूद थे। अगस्त 2016 में एसीबी ने 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।