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झारखंड से वसूली के गुर सीखने उप्र से आए वाणिज्यकर अधिकारी

रांची : झारखंड के वाणिज्यकर विभाग की राजस्व उगाही की कार्यशैली दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
झारखंड से वसूली के गुर सीखने उप्र से आए वाणिज्यकर अधिकारी
झारखंड से वसूली के गुर सीखने उप्र से आए वाणिज्यकर अधिकारी

रांची : झारखंड के वाणिज्यकर विभाग की राजस्व उगाही की कार्यशैली दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन रही है। इसकी बानगी शनिवार को तब देखने को मिली जब उत्तर प्रदेश के वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों ने झारखंड का दौरा कर यहां के अधिकारियों से राजस्व उगाही के मंत्र हासिल किए।

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बता दें कि इस वित्तीय वर्ष में झारखंड के वाणिज्यकर विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक वसूली दर हासिल की है। राजस्व वसूली दर में जहां ओडिशा ने 14.5 फीसद, हरियाणा ने 13.70 फीसद, उत्तर प्रदेश ने 11.93 फीसद, पश्चिम बंगाल ने 10.32 फीसद व छत्तीसगढ़ ने 5.71 फीसद की ग्रोथ हासिल की है वहीं झारखंड की वृद्धि दर सर्वाधिक 18.44 फीसद आंकी गई। झारखंड राज्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने वाणिज्यकर विभाग के संयुक्त आयुक्त वीके शुक्ला को झारखंड के दौरे पर भेजा। वीके शुक्ला ने शनिवार को राज्य के वाणिज्यकर संयुक्तआयुक्त गोपाल कृष्ण तिवारी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर राजस्व संग्रह में तेजी लाने के मसले पर विचार विमर्श किया। गोपाल तिवारी ने बताया कि इस वर्ष झारखंड में मिशन मोड पर वर्ष 2013-14 व 2014-15 के कर निर्धारण की कार्रवाई करते हुए सृजन मांग की वसूली ससमय की गई। सभी बकायदारों से वसूली का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया गया। कर अपवंचना को भी रोकने के लिए कदम उठाए गए। उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी प्रकार के निबंधन विवरणियों का दाखिला, वैधानिक प्रपत्रों को जारी करने एवं कर भुगतान की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया, जिससे पारदर्शिता के साथ-साथ कार्यक्षमता में भी वृद्धि हुई। पूर्व में बड़े पैमाने पर प्रपत्रों का दुरुपयोग कर टैक्स चोरी के मामलों पर प्रधान सचिव के स्तर से कड़ी कार्रवाई भी की गई। इसकेअलावा भी तमाम कदम उठाए गए, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले।

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