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बढे़गा विधायकों का वेतन, स्पीकर लेंगे फैसला

प्रदीप सिंह, राची : झारखंड विधानसभा के 82 विधायकों (एक मनोनीत) के वेतन भत्ते में तीस से पचास फीसद तक

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 01:00 AM (IST)
बढे़गा विधायकों का वेतन, स्पीकर लेंगे फैसला
बढे़गा विधायकों का वेतन, स्पीकर लेंगे फैसला

प्रदीप सिंह, राची : झारखंड विधानसभा के 82 विधायकों (एक मनोनीत) के वेतन भत्ते में तीस से पचास फीसद तक बढोत्तरी होगी। विधायकों का वेतन बढाने को लेकर सत्तापक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर की अध्यक्षता में गठित सर्वदलीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष डा. दिनेश उराव को सौंप दी है। रिपोर्ट का आधार केंद्र सरकार के कर्मचारियों व पदाधिकारियों के लिए घोषित सातवा वेतन आयोग बना है। झारखंड सरकार ने भी राज्यकर्मियों के लिए सातवें वेतनमान की अनुशसा लागू की है। विधानसभा कर्मी भी इसके दायरे में आएंगे।

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कब उठी थी माग :

विधानसभा के बजट सत्र में विधायकों ने वेतन बढोत्तरी की माग उठाई थी। सत्तारूढ़ दल की ओर से जब इसे उठाया गया तो सदन में हंगामा चल रहा था लेकिन इस मसले पर थोड़ी देर के लिए दलीय सीमाएं टूट गई। सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया। विधानसभा अध्यक्ष डा. दिनेश उराव ने विधायकों की भावना को देखते हुए तत्काल राधाकृष्ण किशोर की अगुवाई में सर्वदलीय कमेटी गठित करने की घोषणा की। उन्होंने रिपोर्ट सौंपने की मियाद 15 फरवरी तय की थी लेकिन व्यस्तता की वजह से कमेटी को दो बार समय विस्तार मिला। 23 मार्च को कमेटी ने विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी।

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विधायकों के वेतनमान में बढोत्तरी का प्रस्ताव आया था। इसके आलोक में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी है।

- राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचेतक, सत्तारूढ़ दल, झारखंड विधानसभा।

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अभी किसको कितना वेतन :

झारखंड में मुख्यमंत्री को 1.40 लाख, विधानसभा अध्यक्ष को 1.35 लाख,मंत्रियों को 1.15 लाख और विधायकों को प्रतिमाह 91 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है। स्पीकर, सीएम और मंत्री, विधायक को दैनिक भत्ता राज्य में प्रतिदिन 1500 और राज्य से बाहर 2000 रुपये मिलता है। इनके स्टेशनरी, मोबाइल और पत्र-पत्रिका पर होने वाला खर्च भी सरकार देती है। विधायकों को साल में तीन लाख रुपये तक रेल-हवाई यात्रा के अलावा पेट्रोल-डीजल पर खर्च की छूट है। इनका 40 हजार तक टेलीफोन बिल का भुगतान सरकार करती है।

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माननीयों को टैक्स नहीं :

विधायकों को आय पर टैक्स नहीं देना पड़ता। सस्ते ब्याज पर गाड़ी और होम लोन लेने की सुविधा है।

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