किस अधिकार से झारखंड में छापे मार रही बिहार पुलिस
बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा झारखंड के सीमाई जिलों कोडरमा और देवघर में छापेमारी पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रदीप सिंह, रांची। बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा झारखंड के सीमाई जिलों कोडरमा और देवघर में छापेमारी पर सवाल उठ रहे हैं। बिहार की गया पुलिस ने भी रांची में दबिश देकर अवैध शराब के कारोबार से जुड़े दो लोगों को पकड़ा है। बिहार पुलिस की इस कार्रवाई को अपने अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण बताते हुए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने गहरी आपत्ति जताई है। विभागीय सचिव अविनाश कुमार ने इस बाबत राज्य के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखते हुए आवश्यक कदम उठाने का आग्र्रह किया है। इसमें तीन स्थानों पर बिहार पुलिस की छापेमारी के बाबत संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों से विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की गई है। पत्र में पुलिस महानिदेशक से यह भी आग्र्रह किया गया है कि पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट मिलने के बाद यह भी विश्लेषण करें कि इस प्रकार की कार्रवाई की वैधानिकता क्या है?
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देवघर में उड़ाई नियमों की धज्जियां
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग की आपत्ति इस बात पर भी है कि बिहार पुलिस स्थानीय पुलिस अधीक्षकों से अनौपचारिक बातचीत कर कार्रवाई को अंजाम दे रही है जबकि इस बाबत विहित प्रक्रिया का पालन किया जाना आवश्यक है। देवघर में तो बिहार पुलिस बल ने अधिकार क्षेत्र का इस कदर अतिक्रमण किया कि स्थानीय पुलिस तक को विश्वास में नहीं लिया गया। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों को भी इसकी सूचना दिए बगैर लाइसेंसी के यहां बिहार पुलिस ने छापेमारी की।
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प्रक्रिया का अनुपालन करना बेहतर
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के सचिव अविनाश कुमार ने पुलिस महानिदेशक को प्रेषित पत्र में स्पष्ट किया है कि राज्य में अवैध शराब के अड्डों के बारे में बिहार पुलिस को जानकारी हो सकती है लेकिन छापेमारी को लेकर अगर प्रक्रिया का अनुपालन किया जाए तो बेहतर परिणाम सामने आएंगे। उत्पाद अधिनियम राज्य विशेष के लिए लागू और प्रभावी होता है। किसी प्रकार के अवैध व्यापार की सूचनाएं बिहार शेयर करे तो संबंधित क्षेत्र के पदाधिकारी तत्क्षण कार्रवाई करेंगे।
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झारखंड से बिहार नहीं जा रही शराब
बिहार में शराबबंदी के बाद झारखंड सरकार ने पूरी सख्ती बरती है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का दावा है कि झारखंड के रास्ते बिहार में शराब नहीं जा रही है। हरेक जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि वे ऐसी किसी सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करें। झारखंड सरकार ऐसी किसी गतिविधि को प्रोत्साहित नहीं करती या करेगी जो बिहार के उत्पाद नियमों के विरुद्ध है।