Move to Jagran APP

सरकार सामान्य जाति के भूमिहीनों को भी देगी जमीन

प्रदेश में अब सामान्य जाति के भूमिहीन परिवारों को भी सरकार जमीन देने की तैयारी कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 24 Feb 2017 07:21 AM (IST)Updated: Fri, 24 Feb 2017 07:31 AM (IST)
सरकार सामान्य जाति के भूमिहीनों को भी देगी जमीन
सरकार सामान्य जाति के भूमिहीनों को भी देगी जमीन

प्रणव, रांची। प्रदेश में अब सामान्य जाति के भूमिहीन परिवारों को भी सरकार जमीन देने की तैयारी कर रही है। इनके अलावा उग्रवादी हिंसा में शहीद हुए राज्य के पुलिसकर्मियों के आश्रितों को भी जमीन दिया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस बाबत कवायद शुरू की है। विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो दो एकड़ तक के भूमि का रकबा धारित करने वाले भू-धारियों को भूमिहीन माना जाएगा। वहीं सैनिक, अर्धसैनिक के अलावा उग्रवादी हिंसा में मारे गए राज्य के पुलिसकर्मियों के मामले में वास की जमीन को मिलाकर 50 डिसमिल से अधिक जमीन नहीं होनेवाले को भी भूमिहीन माना जाएगा। विभाग द्वारा कैबिनेट में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी बाद नया नियम प्रभावी होगा। फिलवक्त प्रदेश में उग्रवादी ङ्क्षहसा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों की तादाद करीब 480 है।
नई कवायद के तहत आवास के लिए 12.5 डिसमिल और कृषि कार्य के लिए पांच एकड़ तक भूमि बंदोबस्त की जा सकेगी। यह भी नियम बनाया जा रहा कि बंदोबस्त की गई भूमि को दूसरे को बिक्री नहीं की जा सकेगी। बल्कि जिनकेनाम से जमीन दी गई है उनके उत्तराधिकारी के नाम से जमीन का नामांतरण हो सकेगा।

loksabha election banner

कौशल विकास से हुनरमंद बनेगा झारखंड : मुख्यमंत्री

इन्हें नहीं माना जाएगा भूमिहीन :
सुयोग्य श्रेणी के भूमिहीन परिवार के व्यक्ति, जो सरकारी सेवा में हैं अथवा सेवानिवृत्त हैं अथवा आयकर दाता हैं, के साथ भूमि की बंदोबस्ती नहीं की जा सकेगी।
-------
पहले से सुयोग्य श्रेणी में कौन-कौन :

तीन मई 1971 के राजस्व विभाग के प्रपत्र संख्या 2034 के मुताबिक भूमिहीनों के लिए सुयोग्य श्रेणी निर्धारित है। इसके तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग (सूची-एक), पिछड़ा वर्ग (सूची-दो), पूर्वी पाकिस्तान और बर्मा से आए हुए वैसे शरणार्थी जो फरवरी 1964 को या उसके बाद भारत में आएं हों और कार्यरत सैनिक तथा वैसे सैनिक परिवार जो युद्ध में वीरगति को प्राप्त किए हों। इसके साथ आवासीय कार्यों के लिए 12.5 डिसमिल जमीन बंदोबस्त करने का प्रावधान है।

प्लेन और लग्जरी कार छोड़कर धौनी ने 13 साल बाद इसलिए किया ट्रेन से सफर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.