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बाहर भी :: तीन को रांची आएंगे श्री श्री रविशंकर

रांची : विश्व-विख्यात आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं। एक से तीन मार्च

By Edited By: Published: Mon, 20 Feb 2017 01:10 AM (IST)Updated: Mon, 20 Feb 2017 01:10 AM (IST)
बाहर भी :: तीन को रांची आएंगे श्री श्री रविशंकर
बाहर भी :: तीन को रांची आएंगे श्री श्री रविशंकर

रांची : विश्व-विख्यात आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर झारखंड के दौरे पर आ रहे हैं। एक से तीन मार्च तक वे झारखंड में रहेंगे। चार मार्च की सुबह रांची से विदा होंगे। यह जानकारी रविवार को सिटी पैलेस में संस्था के उज्ज्वल भास्कर, ऋषिनाथ शाहदेव आदि ने दी। उन्होंने बताया कि रांची में महासत्संग मोरहाबादी में तीन मार्च को संध्या साढे़ पांच से साढ़े आठ बजे तक होगा। सत्संग में रांची के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा और पुरुलिया आदि से भी भक्त भाग लेंगे।

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देवघर व धनबाद में भी कार्यक्रम

श्री श्री रविशंकर मध्यप्रदेश से विशेष विमान से एक मार्च को देवघर पहुंचेंगे। देवघर कॉलेज के मैदान में भव्य महासत्संग संध्या छह बजे होगा। देवघर जिले के किसान भी भारी संख्या में गुरुदेव का दर्शन करेंगे तथा जैविक खेती की प्रेरणा लेंगे। दो मार्च को देवघर के प्रसिद्ध बाबा वैद्यनाथ धाम में सुबह की पूजा में शरीक होंगे। पूजा के बाद धनबाद के चलेंगे। यहां उसी दिन गोल्फ ग्राउंड में शाम 5 बजे से 7 बजे तक महासत्संग में भाग लेंगे। धनबाद के आइआइटी-आइएसएम के निदेशक ने गुरुदेव को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। संस्था के सभी छात्रों और शिक्षकों के साथ उनके विशेष सत्र होंगे। तीन मार्च की सुबह गुरुदेव राची के लिए प्रस्थान करेंगे।

दो दशक से चल रहा सेवा कार्य

उज्ज्वल भास्कर ने बताया कि आर्ट आफ लिविंग का सेवा कार्य यहां दो दशक से चल रहा है। आनंद अनुभूति शिविर में 50,000 से भी अधिक लोगों ने सुदर्शन क्रिया सीखी। 2004 में गुरुदेव पहली बार झारखंड आए थे। तब राज्य सरकार के साथ कारा बंदियों के लिए सरकार से करार हुआ था। इसके माध्यम से कैदियों को योग आदि की जानकारी दी गई। काफी कैदियों को इसका लाभ हुआ। यह कार्यक्रम आज भी समय-समय पर चलता है। सुदूर नक्सली गांवों में संस्था के 20 स्कूल संचालित हैं, जिसमें चार हजार बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल में सब कुछ निश्शुल्क है। इसके बाद उन्हें सब्जी उगाने और जैविक खेती के बारे में भी जानकारी दी जाती है। खेलकूद में भी बच्चे भाग लेते हैं।


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