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दिव्यांगों को नौकरी में अब चार फीसद आरक्षण

राज्य के दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में अब तीन की जगह चार फीसद आरक्षण मिलेगा। इस बाबत सरकार केंद्र स्तर पर 28 दिसंबर 2016 को जारी निश्शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम की नई नीति को अंगीकृत करेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 07:09 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 07:21 AM (IST)
दिव्यांगों को नौकरी में अब चार फीसद आरक्षण
दिव्यांगों को नौकरी में अब चार फीसद आरक्षण

विनोद श्रीवास्तव, रांची। राज्य के दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में अब तीन की जगह चार फीसद आरक्षण मिलेगा। इस बाबत सरकार केंद्र स्तर पर 28 दिसंबर 2016 को जारी निश्शक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम की नई नीति को अंगीकृत करेगी। अधिनियम के तहत गठित महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री की अध्यक्षता वाली राज्य समन्वय समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग को नौकरी में आरक्षण से संबंधित अधिसूचना जारी करने की अनुशंसा की है।

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समिति ने इसी तरह सामान्य रूप से गतिजनित, मानसिक मंदता, दृष्टिबाधित, मूक-बधिर आदि श्रेणी के व्यक्तियों को ही दिव्यांगता की श्रेणी में न रखकर नीति के अनुरूप एसिड पीडि़त, हिमोफिलिया, थैलीसिमिया, सिकेल सेल एनीमिया, बौना, स्मरण दोष से गंभीर रूप से पीडि़त आदि व्यक्तियों को भी विकलांगता की श्रेणी में रखने की अनुशंसा सरकार को भेजी है। समिति ने सरकार को दिव्यांगों के लिए नौकरी की पहचान करने के लिए अलग से कोषांग गठित करने की भी अनुशंसा की है। अध्यक्ष समेत तीन विधायकों, लगभग सभी प्रमुख विभागों के सचिवों, रेड क्रास सोसाइटी, शिक्षा, सामाजिक आदि क्षेत्रों से जुड़े कुल 26 प्रतिनिधि समिति के सदस्य हैं।
राज्य निश्शक्तता आयुक्त सतीश चंद्र के अनुसार सरकार की इस नई नीति के बाद अब राज्य की लगभग छह से सात फीसद आबादी दिव्यांगता की श्रेणी में आ जाएगी। झारखंड में 4.21 लाख दिव्यांगों की पहचान करते हुए उन्हें प्रमाणपत्र दिया गया है।

जिला विकलांगता एवं पुनर्वास केंद्र का संचालन करेगी सरकार
वित्तीय वर्ष 2017-18 से राज्य सरकार जिला विकलांगता एवं पुनर्वास केंद्र का संचालन खुद करेगी। प्रथम चरण में सरकार रांची, हजारीबाग, दुमका और जमशेदपुर स्थित केंद्रों को सरकार चलाएगी। बाद में धनबाद एवं डालटनगंज स्थित केंद्रों के संचालन पर विचार करेगी। संबंधित केंद्र सिंगल विंडो सिस्टम की भूमिका में होंगे, जहां दिव्यांगता प्रमाणपत्र तो जारी होंगे ही, दिव्यांगों को वहां व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण भी मिलेगा। यहां कृत्रिम अंगों का निर्माण भी होगा और दिव्यांगों के बीच उसका वितरण भी।
दिव्यांगों को मिला दिव्यांगता प्रमाणपत्र
रांची में 58140, गुमला में 11672, लोहरदगा में 1079, लातेहार में 2845, गढ़वा में 22648, हजारीबाग में 17159, रामगढ़ में 1831, खूंटी में 2553, बोकारो में 43457, गिरिडीह में 12538, देवघर में 11837, दुमका में 27724, साहिबगंज में 8849, सरायकेला में 11877, पाकुड़ में 6598, धनबाद में 26799, पूर्वी सिंहभूम में 31559, गोड्डा में 25128, पश्चिमी सिंहभूम में 8226, सिमडेगा में 6187, पलामू में 45447, जामताड़ा में 17527, चतरा से 9565, जबकि कोडरमा में कुल 9650 दिव्यांगों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी किया गया।


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