विस का बजट सत्र आज से शुरू : राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा संभव
सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विपक्षी दल खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के तेवर को देखते हुए यह संभव है कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष हंगामा करने की कोशिश करे।
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार से आरंभ होगा। सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। विपक्षी दल खासकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के तेवर को देखते हुए यह संभव है कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष हंगामा करने की कोशिश करे। हालांकि सोमवार को तमाम दलों के बीच समन्वय बनाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डा. दिनेश उरांव ने बैठक बुलाई। इस बैठक में मौजूद तमाम दलों के नेताओं ने सदन की कार्यवाही सुचारू तौर पर चलाने पर हामी भरी।
संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने बैठक में कहा कि सरकार की पूरी कोशिश होगी कि विधानसभा की कार्यवाही शांतिपूर्वक चले। सभी पार्टियों के नेताओं ने सहयोग का भरोसा दिया है। सरकार की कोशिश होगी कि सदस्यों को जवाब से संतुष्ट किया जा सके। सरकार ने इस बाबत तैयारी पूरी कर ली है। विभिन्न विभागों से संबंधित सवालों का जवाब समय पर आए, इसका खास ख्याल रखा गया है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष ने विभागों के सचिवों समेत आला अधिकारियों संग बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए।
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देर से पहुंचे सीएम, नहीं आए झामुमो के प्रतिनिधि
व्यस्तता की वजह से मुख्यमंत्री रघुवर दास बैठक में देर से पहुंचे। उन्होंने प्रतिनिधि के तौर पर संसदीय कार्यमंत्री को बैठक में भाग लेने के लिए अधिकृत किया था। नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने बैठक में भाग नहीं लिया। उन्होंने स्पीकर को इस बाबत सूचना भेजी थी। यह भी बताया था कि उनके प्रतिनिधि के तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के सचेतक कुणाल षाडंगी बैठक में शामिल होंगे, लेकिन वे भी बैठक में भाग नहीं लिए।
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लाख कवायद के बावजूद नहीं आए ऑनलाइन जवाब
विधानसभा सचिवालय ने सभी विभागों से आग्र्रह किया था कि वे सवालों के जवाब ऑनलाइन भेजें, लेकिन इस निर्देश पर अमल नहीं हो पाया। सिर्फ तीन विभागों ने ही इसका पालन किया। हालांकि बाकी विभाग ऑनलाइन प्रश्न ले रहे हैं, लेकिन उन्होंने जवाब ऑनलाइन की जगह लिखित भेजा है।
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घटना की पुनरावृत्ति न हो : स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष डा. दिनेश उरांव ने कहा कि सदन को अबाधित चलाना सिर्फ उनकी जिम्मेदारी नहीं है। सभी दलों को जिम्मेदारी लेनी होगी। शीतकालीन सत्र के दौरान जो अशोभनीय दृश्य उपस्थित हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं हो। उन्होंने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति को विस्तार दिया गया है। इसमें अब एक दल से एक से ज्यादा प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। सत्र के पहले दिन बैठक कर एजेंडा तय किया जाएगा।
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विपक्ष के बोल
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सीएनटी में जल्दबाजी में संशोधन किया गया। सदन समेत राज्य की जनता इसके खिलाफ है। सरकार को संशोधन विधेयक वापस लेना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो शांतिपूर्वक सदन का संचालन नहीं हो पाएगा।
आलमगीर आलम
नेता, कांग्र्रेस विधायक दल।
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सरकार सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक पर पुनर्विचार करे। जनता ने इसे नकार दिया है। पूरा राज्य उद्वेलित है। अगर सरकार ने विधेयक वापस लिया तभी हम सदन की कार्यवाही चलने देंगे।
प्रदीप यादव, नेता, झामुमो विधायक दल।