छह माह के अंदर हटाएं एनएच से अतिक्रमण
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर ताकीद की है कि सारे अतिक्रमण हटाए जाएं। इसके लिए छह माह की मियाद भी तय की गई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में स्थित राष्ट्रीय राजमार्गों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की शिकायतें मिली हैं। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अनधिकृत कब्जा, गलत तरीके से निकाला गया रास्ता और कट आदि शामिल है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर ताकीद की है कि सारे अतिक्रमण हटाए जाएं। इसके लिए छह माह की मियाद भी तय की गई है।
प्रेषित पत्र में कहा गया है कि ऐसी सूचना मिली है कि नेशनल हाईवे के समीप अनधिकृत तरीके से अतिक्रमण हो रहा है। इसके कारण सुगम यातायात में बाधा आ रही है। सड़क दुर्घटनाओं की भी यह बड़ी वजह है। ऐसे में संबंधित हाईवे अथारिटी तत्काल एक्शन में आए और कंट्रोल ऑफ नेशनल हाईवे (लैंड एंड ट्रैफिक) एक्ट-2002 के तहत अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। हर छह माह पर इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को प्रेषित की जाए। इस बाबत पूर्व में भेजे गए निर्देशों का भी हवाला देते हुए कहा गया है कि तत्परता और सख्ती के साथ आदेश पर अमल किया जाए। नेशनल हाईवे पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
रांची-टाटा एनएच पर सरकार रेस
राष्ट्रीय राजमार्ग-33 की खराब हालत को दुरुस्त करने की दिशा में राज्य सरकार तत्परता से जुटी है। फिलहाल इस राजमार्ग की फोरलेनिंग का काम चल रहा है। सड़क की स्थिति काफी खराब है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने निर्देश दिया है कि राज्य सरकार अपने खर्च पर तत्काल सड़क की मरम्मत करेगी। मुख्य सचिव के स्तर से पथ निर्माण विभाग को इस बाबत आवश्यक पहल करने को कहा गया है। साथ ही साथ फोरलेन के काम में जुटी एजेंसी को भी ताकीद की गई है कि समय सीमा के भीतर काम पूरा करें। फिलहाल इस महत्वपूर्ण सड़क की फोरलेनिंग का काम लगभग 25 प्रतिशत हो चुका है। दिसंबर-2017 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।