राज्य में 1.35 लाख डीलर, रिटर्न दाखिल कर रहे महज 37 हजार
रांची : वाणिज्यकर विभाग द्वारा पिछले दो सालों से चलाई गई निबंधन मुहिम ने राज्य में रजिस्टर्ड डीलर का
रांची : वाणिज्यकर विभाग द्वारा पिछले दो सालों से चलाई गई निबंधन मुहिम ने राज्य में रजिस्टर्ड डीलर का आंकड़ा तो बढ़ा लिया लेकिन उनसे टैक्स वसूलने में सरकार नाकाम रही। राज्य में 1.35 लाख रजिस्टर्ड डीलर हैं लेकिन रिटर्न महज 37 हजार ही दाखिल कर रहे हैं। स्पष्ट है कि विभाग में निबंधन के बावजूद 82 फीसद से अधिक डीलर अपना रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं।
हाल ही में हुई विभागीय पड़ताल में ये आंकड़े सामने आए। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने डीलरों का विस्तृत ब्योरा सहेजने का निर्देश दिया है। विभागीय सचिव केके खंडेलवाल स्वीकार करते हैं कि निबंधित डीलरों के सापेक्ष रिटर्न दाखिल करने वालों का प्रतिशत काफी कम है। साथ ही वे यह भी कहते हैं कि बहुत से डीलर फौरी तौर पर कारोबार करने के लिए निबंधन कराते हैं, टर्न ओवर न होने के कारण वे रिटर्न दाखिल करने से परहेज करते हैं। फिर भी ऐसे डीलरों से भी इन्कार नहीं किया जा सकता जो कर चोरी के लिहाज से ऐसा कर रहे हों।
झारखंड गठन के बाद पहली बार 2015-16 में वाणिज्यकर विभाग के राजस्व संग्रह का आंकड़ा अपने लक्ष्य के अनुरूप नहीं रहा। लक्ष्य 11,500 करोड़ था जबकि संग्रह 9500 करोड़ रुपये के करीब रहा। विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 13 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया है।
लक्ष्य से पीछे न रह जाए इसलिए बढ़ाया वैट
राजस्व संग्रह के आंकड़ों का परिणाम गत वित्तीय वर्ष की तरह न रहे इसलिए सरकार ने वैट में वृद्धि का निर्णय लिया है। वैट की प्रचलित वर्तमान दरों को 14 फीसद से बढ़ाकर 14.5 प्रतिशत और 5 प्रतिशत को बढ़ाकर 5.5 प्रतिशत किया गया है। वह भी अगले वित्तीय वर्ष से लागू होने वाली नई कर प्रणाली जीएसटी लागू होने के महज छह माह पूर्व।