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ऑनलाइन होगी निगम की अभियंत्रण शाखा

रांची : नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक शुक्रवार को हंगामेदार रही। शौचालय की सूची में गड़बड़ी होने पर पा

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 01:38 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 01:38 AM (IST)
ऑनलाइन होगी निगम की अभियंत्रण शाखा

रांची : नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक शुक्रवार को हंगामेदार रही। शौचालय की सूची में गड़बड़ी होने पर पार्षदों ने निगम प्रशासन को घेरा। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। मेयर आशा लकड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी हैं। इनमें मिसिंग पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन देना, अभियंत्रण शाखा को ऑटोमेशन सहित अन्य प्रस्ताव शामिल हैं। नगर निगम की अभियंत्रण शाखा ऑनलाइन होगी। अब राजधानी की जनता व स्टेक होल्डर घर बैठे व राज्य के बाहर से भी योजनाओं की ऑनलाइन जानकारी हासिल कर सकते हैं।

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निगम बोर्ड की बैठक में सदस्यों ने सॉफ्टवेयर खरीदने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। इस सॉफ्टेवेयर की लागत 28 लाख रुपये बताई गई है। इसके मेनटेनेंस पर 39 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके टेंडर में एसआरआइटी कंपनी एल वन शामिल हुई है। इसके प्रतिनिधि ने सदस्यों को पॉवर प्रजेंटेशन के माध्यम से इससे लाभ व सुविधाओं की जानकारी दी।

जमकर हुआ हंगामा

28 लाख की लागत से सॉफ्टवेयर खरीदने के प्रस्ताव पर पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। वार्ड 37 के पार्षद अरुण कुमार झा ने कहा कि क्या यह सॉफ्टवेयर डीपीआर भी बनाएगा। इस पर नगर आयुक्त ने जवाब दिया कि डीपीआर बनाने में मदद करेगा। वार्ड 30 के पार्षद ओम प्रकाश ने कहा कि ऑनलाइन नक्शा पास करने संबंधी सॉफ्टवेयर की खरीदारी हुई, लेकिन परिणाम क्या हुआ। नक्शा पास करने में वही परेशानी आज भी है। नगर आयुक्त ने कहा कि जब सॉफ्टवेयर बनकर आया, तो नर निगम मास्टर प्लान में जुट गया। इसके बाद नया बिल्डिंग बायलॉज आया। इससे सॉफ्टवेयर को नए बायलॉज के तहत सूचनाओं को फीड किया गया। 16 अगस्त से ऑनलाइन नक्शा पास हो रहा है। इसका लाभ बहुत जल्द देखने को मिलेगा। वार्ड 21 की पार्षद रोशनी खलखो ने कहा कि कर्मचारियों को देने के लिए निगम के पास पैसा नहीं है। सॉफ्टवेयर के लिए राशि कहां से आएगी। इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि सॉफ्टवेयर बनने में छह महीने लगेंगे, तब तक राशि की व्यवस्था हो जाएगी। इसका बंदोबस्त करना नगर आयुक्त का काम है। इंजीनिय¨रग शाखा पर प्रतिवर्ष 50 से 60 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। इसके बावजूद योजना की राशि खर्च करने में हम पीछे रहते हैं। ऑनलाइन काम होने से कार्यक्षमता बढ़ेगी। निगम के पास पैसा नहीं है, तो पेट काटकर क्षमता बढ़ाने का प्रयास करना होगा। लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद तेजी से लाइसेंस का निष्पादन हो रहा है। ऑनलाइन होल्डिंग टैक्स कलेक्ट करने से प्रतिमाह 12 करोड़ की उगाही हो रही है, जबकि पहले छह करोड़ रुपये की सीमा थी। कई पार्षद 10 सितंबर को होनेवाली बोर्ड की बैठक में इसे पारित करने की बात कह रहे थे। तब तक इसे समझने का समय मांग रहे थे। इस पर पार्षद गुलाम सरवर रिजवी ने कहा कि सेटिंग करने के लिए समय चाहिए। प्रस्ताव पारित होगा, तो अभी नहीं तो कभी नहीं। इसके बाद सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

सॉफ्टवेयर से लाभ

-- ऑनलाइन फंड का आवंटन, किस पार्षद के फंड में कितनी राशि किस मद में बची है, इसकी अपडेट जानकारी।

-- टेंडर की प्रक्रिया ऑनलाइन

-- ऑनलाइन प्रोजेक्ट की मॉनिट¨रग

-- बिल पेमेंट ऑनलाइन

-- ऑनलाइन डाटा फीडिंग

-- ऑन टाइम रिपोर्टिग

-- हर कोई देख सकता है परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति

-- कम समय में अधिक योजनाओं का निष्पादन

-- लंबित परियोजनाओं को ट्रैक करने में सुविधा

-- योजनाओं को लेकर ऑनलाइन लोगों की शिकायत, सुझाव व राय दर्ज होगी।

-- पार्षदों की अनुशंसा की ऑनलाइन रिकार्डिग व निष्पादन

300 वर्गफीट में बनेंगे प्रधानमंत्री आवास

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब लाभुकों के आवास 300 वर्गफीट क्षेत्र में बनेंगे। इस संबंध में प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में पारित किया गया। नगर आयुक्त ने प्रस्ताव लाया कि कुछ लोगों ने शिकायत की थी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्लिंथ क्षेत्र 395 वर्गफीट व कारपेट एरिया 317 वर्गफीट में आवास बनाना है। इसकी अनुमानित लागत 3.62 लाख रुपये आएगी। इनमें लाभुकों को 2.25 लाख रुपये मिलेंगे एवं स्वयं 1.37 लाख रुपये लगाने होंगे। राजीव आवास योजना के तहत आवास का प्लिंथ एरिया 344 वर्गफीट व कारपेट एरिया 273 वर्गफीट में होगा। अनुमानित लागत 3.88 लाख रुपये है। इनमें 3.17 लाख रुपये योजना के तहत दिए जाएंगे। 35 हजार रुपये लाभुक को स्वयं लगाने होंगे।

बूटी डिविजन क्षेत्र में बिछी है मात्र 2800 मीटर पाइपलाइन

प्रथम चरण के तहत बूटी डिविजन क्षेत्र में 20 हजार मीटर पाइपलाइन बिछने की जगह अब तक मात्र 2800 मीटर बिछी है। धीमी रफ्तार का कारण पूछने पर संवेदक ने बताया कि बिल का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर नगर आयुक्त ने अभियंता उपेंद्र सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि बिल भुगतान में देरी के कारण क्यों ने उनके खिलाफ विभाग से कार्रवाई की अनुशंसा की जाए। नगर आयुक्त ने कार्यपालक अभियंता को तीन दिनों में बिल भुगतान का आदेश दिया। गोंदा डिविजन के क्षेत्रों में 17000 मीटर पाइपलाइन बिछनी है। इसमें 11000 मीटर बिछ चुकी है। नगर आयुक्त ने कहा कि प्रथम फेज के तहत 90 प्रतिशत क्षेत्रों में मिसिंग पाइपलाइन बिछ चुकी है।


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