अडाणी को चाहिए कोल लिंकेज, पशोपेश में सरकार
झारखंड में निवेश के लिए जमीन तलाश रहे अडाणी समूह की वजह से राज्य सरकार एक बार फिर पशोपेश में है।
अमन कुमार, रांची। झारखंड में निवेश के लिए जमीन तलाश रहे अडाणी समूह की वजह से राज्य सरकार एक बार फिर पशोपेश में है। इस कंपनी को झारखंड में पावर प्लांट लगाने के लिए 45 एमटी सालाना कोयले की जरूरत है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए कंपनी ने राज्य सरकार से कोल लिंकेज देने की मांग की है। माना जा रहा है कि कोल लिंकेज का आश्वासन मिलने के बाद ही अडाणी राज्य सरकार के साथ 1600 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित करने के लिए एमओयू करेगा।
अडाणी की इस मांग ने सरकार के सामने परेशानी पैदा कर दी है। नए नियम के तहत सरकार कोल लिंकेज आक्शन के माध्यम से देती है। ऐसे में सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है।
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की तरफ से पूरे मामले को लेकर माथापच्ची का दौर जारी है। निगम के माध्यम से ही कोल लिंकेज देने की प्रक्रिया होती है। पिछले दिनों निगम के प्रबंध निदेशक अबु बकर सिद्दकी ने निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी पक्षों की जानकारी ली है। जिसके बाद इस मामले की फाइल उद्योग सचिव को भेजा गया है। अडाणी का निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतारने में लगी सरकार के लिए इस प्रस्ताव को वापस करना आसान नहीं दिख रहा है। प्रस्तावित पावर प्लांट से उत्पादित 1600 मेगावाट बिजली का 75 प्रतिशत हिस्सा बांग्लादेश को आपूर्ति की जाएगी। वहीं 25 प्रतिशत बिजली झारखंड के हिस्से में आएगा।
जीतपुर कोल ब्लॉक है अडाणी के पास :
अडाणी समूह के पास झारखंड में जीतपुर कोल ब्लाक है। इस कोल ब्लॉक से उत्पादन शुरू करने की प्रक्रिया जारी है। खबर है कि यहां से उत्पादित कोयला का उपयोग दूसरे प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा। इसलिए कंपनी नया कोल लिंकेज मांग रही है।