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सोलह जिलों के डीईओ सरकार के रडार पर

रांची : मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा में खराब परिणाम को लेकर सोलह जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी

By Edited By: Published: Sun, 29 May 2016 01:50 AM (IST)Updated: Sun, 29 May 2016 01:50 AM (IST)
सोलह जिलों के डीईओ सरकार के रडार पर

रांची : मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा में खराब परिणाम को लेकर सोलह जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) सरकार के रडार पर हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने परिणाम की समीक्षा में यह पाया है कि इन जिलों में मैट्रिक व इंटरमीडिएट विज्ञान दोनों के परिणाम में पिछले वर्ष की अपेक्षा गिरावट आई है। इनमें रांची, गुमला, लोहरदगा, हजारीबाग गिरिडीह, धनबाद, चतरा, बोकारो, दुमका, देवघर, साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम तथा सरायकेला-खरसावां शामिल हैं।

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सबसे अधिक निशाने पर रांची, पूर्वी सिंहभूम तथा धनबाद के डीईओ हैं जहां शहरी क्षेत्र होने के कारण अधिक संख्या में शिक्षक पदस्थापित होने के बावजूद परिणाम काफी खराब रहा है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान इन जिलों के डीईओ को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने इन सभी को वहां से हटाने का आदेश विभागीय सचिव आराधना पटनायक को दिया है। ऐसे में अगले माह होनेवाले तबादले में दूसरे पदाधिकारियों को इन जिलों की जिम्मेदारी मिल सकती है।

छह जिलों में 10 फीसद से अधिक गिरावट

इंटरमीडिएट विज्ञान में चौबीस में सोलह जिलों में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष रिजल्ट में गिरावट आई है। आधा दर्जन जिलों में रिजल्ट में 10 फीसद से अधिक गिरावट आई है। सबसे खराब स्थिति पूर्वी सिंहभूम की है, यहां लगभग 29 फीसद रिजल्ट गिरा है। गुमला में 21.51 फीसद तथा धनबाद में 11.55 फीसद की गिरावट आई है। धनबाद व पूर्वी सिंहभूम में क्रमश: 3,748 तथा 3,456 विद्यार्थी फेल हुए हैं। रांची में इंटर साइंस में नौ फीसद रिजल्ट गिरा है। इसी तरह मैट्रिक में भी गुमला, जामताड़ा तथा दुमका में दस फीसद से अधिक गिरावट हुई है।

दोषी शिक्षकों के वेतन पर लग सकती है रोक

राज्य सरकार खराब परिणाम के लिए दोषी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा सकती है। फिलहाल सभी उपायुक्तों को ऐसे शिक्षकों की पहचान कर अनुशंसा के साथ उनकी सूची तलब की गई है। इससे पहले 2005 तथा 2006 में रिजल्ट खराब होने के बाद लगभग एक हजार शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी गई थी।

पांच प्रमंडलों में तीन में आरडीडीई प्रभार में

मैट्रिक और इंटरमीडिएट के खराब रिजल्ट के लिए स्वयं विभाग भी कम जिम्मेदार नहीं है। विभाग ने पांच में तीन प्रमंडलों में स्थायी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीई) का स्थायी पदस्थापन नहीं किया है। उत्तरी छोटानागपुर, संताल तथा कोल्हान प्रमंडलों में इस पद की जिम्मेदारी अतिरिक्त प्रभार में किसी जिले के डीईओ को दी गई है। बोकारो के डीईओ महीप कुमार सिंह उत्तरी छोटानागपुर, सरायकेला-खरसावां के डीईओ रजनीकांत वर्मा कोल्हान तथा दुमका के डीईओ अच्युतानंद ठाकुर को अतिरिक्त प्रभार के रूप में यह जिम्मेवारी दी गई है। प्रमंडलों में चल रही योजनाओं और स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी आरडीडीई पर होती है। आरडीडीई अपने अधीनस्थ जिलों में डीईओ की कार्यप्रणाली पर निगरानी रखते हैं। डीईओ को ही आरडीडीई का प्रभार देने से यह निगरानी नहीं हो पाती।


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