सरकार 50 हजार श्रमिको को देगी जूते और हेलमेट
राज्य सरकार भवन व निर्माण क्षेत्र से जुड़े निबंधित 50 हजार श्रमिको को जूते और हेलमेट उपलब्ध कराएगी। झारखंड भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ मे इसे शामिल किया गया है।
रांची : राज्य सरकार भवन व निर्माण क्षेत्र से जुड़े निबंधित 50 हजार श्रमिको को जूते और हेलमेट उपलब्ध कराएगी। झारखंड भवन एवं सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओ मे इसे शामिल किया गया है। अभी तक बोर्ड द्वारा निबंधित श्रमिको को साइकिल, टूल किट्स, सिलाई मशीने आदि ही मिलती थी। श्रम मंत्री राज पलिवार ने शनिवार को नेपाल हाउस सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष मे यह जानकारी दी।
उन्होने कहा कि सरकार ने मजदूर दिवस पहली मई को श्रमिक अधिकार दिवस के रूप मे मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन सभी जिला मुख्यालयो मे वृहत कार्यक्रम आयोजित कर निबंधित 50 हजार श्रमिको के बीच जूते, हेलमेट के अलावा साइकिल, सिलाई मशीन तथा टूल्स वितरित किए जाएंगे। इसी दिन राज्य स्तरीय मुख्य समारोह रांची के प्रोजेक्ट भवन सभागार मे होगा, जिसमे मुख्यमंत्री रघुवर दास उत्कृष्ट श्रमिको को सम्मानित करेगे। इस अवसर पर वे कई योजनाओ का शुभारंभ भी करेगे। समाधान पोर्टल तैयार करनेवाले जैप आइटी को सम्मानित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 26-28 अप्रैल को अभियान चलाकर असंगठित व भवन निर्माण श्रमिको का निबंधन कराया जाएगा।
इन योजनाओ का होगा शुभारंभ
-श्रमिको तथा श्रमिक संघो का ऑनलाइन निबंधन।
-श्रमिक संघो के ऑनलाइन रिटर्न दाखिल करने की ऑनलाइन व्यवस्था। -श्रमिक समस्याओ के 24 घंटे के भीतर समाधान के लिए टॉल फ्री नंबर।
-व्यवसायियो के ऑनलाइन रिटर्न तथा आनलाइन पंजी।
-ऑनलाइन प्रतिवेदन।
मजदूर दिवस के अवसर पर होती थी खानापूर्ति : मंत्री
मंत्री राज पलिवार ने कहा कि पूर्व मे मजदूर दिवस के अवसर पर सिर्फ खानापूर्ति होती थी। पांच सितारा होटलो मे श्रमिको के अधिकारो पर चर्चा होती थी। उनकी सरकार ने जिला मुख्यालयो मे इसे मनाने का निर्णय लिया है, जिसमे संबंधित प्रभारी मंत्री, सांसद व विधायक अतिथि होगे। उन्होने पूर्व की सरकारो द्वारा बीड़ी मजदूरो को प्रसाद की तरह आवास बांटे जाने का आरोप लगाया।
टेडर हुआ नही, शुरू होगी योजना
श्रमिको के बीच वितरित किए जानेवाले जूते, हेलमेट सहित अन्य सामान का अभी टेडर नही हुआ है। मंत्री ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि कार्यक्रम मे श्रमिको को प्रतीक के रूप मे कूपन दिया जाएगा। बाद मे टेडर होने पर श्रमिक चयनित एजेसी से उसे ले सकेगे। जूते और हेलमेट देने का निर्णय तुरंत लिया गया है। उल्लेखनीय है कि भवन व निर्माण क्षेत्र मे हो रहे कार्य मे संवेदको को कुल लागत का एक फीसद सेस के रूप मे बोर्ड को देना पड़ता है। इसी राशि से ये कल्याणकारी योजनाएं चलती है। अभी तक बोर्ड के पास सेस के रूप मे 150 करोड़ रुपये जमा है। योजनाओ का लाभ अब सफाई मजदूरो को भी मिलेगा।