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रेल सुविधा के लिए चेंबर ने भेजा मंत्रालय को सुझाव

रांची : आगामी रेल बजट में प्रदेश की रेल सुविधाओं में विस्तार करने को लेकर गुरुवार को चेंबर ने रेल मं

By Edited By: Published: Fri, 18 Dec 2015 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2015 01:00 AM (IST)
रेल सुविधा के लिए चेंबर ने भेजा मंत्रालय को सुझाव

रांची : आगामी रेल बजट में प्रदेश की रेल सुविधाओं में विस्तार करने को लेकर गुरुवार को चेंबर ने रेल मंत्रालय को सुझाव भेजा। चेंबर अध्यक्ष पवन शर्मा ने रेल मंत्रालय से दूरभाष पर भी वार्ता की। चेंबर द्वारा दिए गए सुझावों में मुख्य रूप से तत्काल रांची को कुछ नई सुविधाएं देने का आग्रह किया गया। उसमें मुख्य रूप से रांची-रायपुर इंटरसिटी, रांची से अहमदाबाद वाया सूरत, रांची से देहरादून वाया लखनऊ, रांची से इंदौर वाया भोपाल की ट्रेन शुरू करने का आग्रह किया गया।

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यह भी कहा गया कि अन्य राज्यों में प्रीमियम ट्रेन की व्यवस्था है, पर झारखंड इसमें उपेक्षित है। इसलिए राची से मुंबई अथवा बेंगलुरु के लिए एक प्रीमियम ट्रेन चलाई जाए। लोहरदगा-टोरी और हजारीबाग-रांची वाया बरकाकाना नई रेल लाइन का कार्य भी जल्द पूर्ण कराने का आग्रह किया गया।

यात्रियों की मांग को देखते हुए रांची से चलनेवाली कुछ ट्रेनों के फेरों को बढ़ाने की बात कही गई, जिनमें मुख्य रूप से हटिया-मुंबई एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस को दो दिन से प्रतिदिन, हटिया-यशवंतपुर को तीन से छह दिन, रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को चार से प्रतिदिन, अजमेर शरीफ-रांची को एक से तीन दिन, रांची-लोकमान्य तिलक वाया जबलपुर को एक से तीन दिन, हटिया-पुणे एक्सप्रेस को दो से चार दिन, हैदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को तीन से पांच दिन, सिकंदराबाद-मालदा एक्सप्रेस को एक से तीन दिन और अलीपुरद्वार-रांची-गुवाहाटी एक्सप्रेस को दो से चार दिन चलाने का सुझाव दिया गया। यह भी कहा गया कि धनबाद-भुवनेश्वर गरीब रथ का विस्तार पुरी तक किया जाए। इससे काफी संख्या में पर्यटकों को पुरी जाने का अवसर मिलेगा। यात्रियों की मांग को देखते हुए हैदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस और हटिया-पुणे एक्सप्रेस में पैंट्री कार की व्यवस्था करने की बात भी कही गई। यह भी कहा गया कि रांची-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस का ठहराव ब‌र्द्धमान में किया जाए।

चेंबर अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा कि झारखंड में रेल सुविधाओ की भारी कमी है। समयानुकूल झारखंड चेंबर सहित अन्य संगठनों द्वारा रेल मंत्रालय को अपने सुझाव भेजे जाते हैं, पर हर बार राज्य को उपेक्षित रखा जाता है। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स यह उम्मीद करता है कि आगामी रेल बजट में झारखंड का ख्याल रखा जाएगा।


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