एसपी-डीएसपी के आदेश के बावजूद नहीं पकड़ाया बिल्डर
रांची : सिटी एसपी डा. जया राय व कोतवाली के तत्कालीन डीएसपी के आदेश के बावजूद पंडरा ओपी पुलिस ने अब त
रांची : सिटी एसपी डा. जया राय व कोतवाली के तत्कालीन डीएसपी के आदेश के बावजूद पंडरा ओपी पुलिस ने अब तक धोखाधड़ी के आरोपी बिल्डर आलोक कुमार सिंह को गिरफ्तार नहीं किया है।
आलोक राजमणि प्रोपर्टी के निदेशक हैं और अरगोड़ा में बावर्ची रेस्तरां के समीप वसुंधरा होम्स के निवासी हैं। बिल्डर के खिलाफ छह माह पहले प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में 26 जुलाई 15 को कोतवाली के तत्कालीन डीएसपी रणवीर सिंह व 17 अगस्त 15 को सिटी एसपी ने कांड का पर्यवेक्षण कर बिल्डर की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। अनुसंधानकर्ता ने अब तक इस मामले में गिरफ्तारी का कोई प्रयास नहीं किया है। इससे आक्रोशित शिकायतकर्ता राजेश कुमार राय ने डीआइजी अरुण कुमार सिंह को आवेदन देकर पंडरा ओपी के ढुलमुल रवैये की शिकायत की है। शिकायतकर्ता ने कांड के अनुसंधानकर्ता को बदलने की भी मांग की है। डीआइजी के उचित आश्वासन के बाद पीड़ित पक्ष वापस लौटा।
भुक्तभोगी सुखदेवनगर के रातू रोड चित्रापुरी बढ़ई मुहल्ला निवासी राजेश कुमार राय हैं। उनके, उनके पिता देवनाथ राय व अन्य भाइयों के नाम से रातू रोड के पिस्का मोड़ स्थित तेल मिल गली में 18.2 डिसमिल भूखंड है। इस भूखंड पर अपार्टमेंट बनाने के लिए ही उनके परिवार ने बिल्डर एवं राजमणि प्रोपर्टी के निदेशक आलोक कुमार सिंह से 38 प्रतिशत की शर्त पर एकरारनामा किया था। एकरारनामा के बाद बिल्डर आलोक कुमार सिंह ने उनके भूखंड पर आशीर्वाद वाटिका का निर्माण कराया। एकरारनामे के अनुसार 22435 वर्ग फीट में भवन का निर्माण किया गया, जिसमें 8525 वर्गफीट जमीन मालिक को मिलना था। बिल्डर ने वादाखिलाफी कर इस एकरारनामे का उल्लंघन किया और उनके परिवार के सदस्यों को डरा-धमकाकर महज 7550 वर्गफीट पर निर्मित भवन सौंपा और करीब 20 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति की धोखाधड़ी कर ली। एकरारनामे के मुताबिक छह के बजाए महज तीन पार्किंग स्थल ही दिया।
डीआइजी को दिए आवेदन में राजेश का आरोप है कि बिल्डर खुलेआम घूम रहा है। कांड के अनुसंधानकर्ता एसआइ बारला की भूमिका संदिग्ध है और वह आरोपी के साथ मिला है।
इस कांड के पर्यवेक्षण में 26 जुलाई डीएसपी ने अनुसंधानकर्ता को आदेश दिया था कि 15 दिनों के भीतर गिरफ्तारी संबंधी कार्रवाई पूरी कर लेनी है, लेकिन अब तक इसका अनुपालन नहीं किया जा सका।