दुग्ध उत्पादकों को मुनाफे में साझीदार बनाएगी सरकार
रांची : दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित करने और दूध उत्पादन के क्षेत्र को आत्मनिर्भर बन
रांची : दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित करने और दूध उत्पादन के क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य से सरकार ने इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को मुनाफे में हिस्सेदार बनाने का निर्णय लिया है। वार्षिक स्तर पर मुनाफे का आकलन कर कुल मुनाफे का 90 प्रतिशत उन किसानों के खाते में सीधे स्थानांतरित किया जाएगा जिनसे दूध का कलेक्शन किया गया है।
पशुपालन विभाग और राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच हुए करार के तहत इस विशेष शर्त को जोड़ा गया है। सरकार ने राज्य स्तर पर गठित झारखंड राज्य दुग्ध उत्पादक सहकारी फेडरेशन लिमिटेड का प्रबंधन राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंप दिया है। तयशुदा करार के तहत एनडीडीबी न सिर्फ उच्च क्षमता के दुग्ध उत्पादन प्लांट स्थापित करेगा बल्कि दूध के व्यवसाय से जुड़े किसानों से दूध का कलेक्शन भी करेगा। एनडीडीबी ने दूध के कलेक्शन का कार्य शुरू भी कर दिया है। राज्य भर में 450 कलेक्शन सेंटर बनाए जाने हैं। इनमें 75 स्थापित हो चुके हैं।
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क्या है योजना
योजना के तहत एनडीडीबी अपने कलेक्शन सेंटर के माध्यम से दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों से दूध का कलेक्शन करेगा। दस दिन के कलेक्शन के बाद ग्याहरवें दिन लाभुक के खाते में निर्धारित राशि सीधे स्थानांतरित कर दी जाएगी। इस दूध को प्लांट में ले जाया जाएगा। जहां इसकी पैकेजिंग कर उसे बाजार में बेचा जाएगा। साल भर में दुग्ध व्यवसाय से होने वाले कुल शुद्ध मुनाफे का 10 फीसद अपने पास रखकर 90 प्रतिशत मुनाफे को उन लोगों के बीच बांट दिया जाएगा जिनसे दूध एकत्र किया गया है। मुनाफे की राशि भी सीधे खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
अत्याधुनिक मशीनों को लगाया जा रहा
राज्य सरकार और एनडीडीबी का होटवार, रांची में निर्माणाधीन संयुक्त उपक्रम जनवरी तक शुरू होने की बात कही जा रही है। एक लाख लीटर क्षमता के इस प्लांट में अत्याधुनिक मशीनों को लगाया जा रहा है। इस कड़ी में अगले वित्तीय वर्ष 50 हजार लीटर क्षमता का प्लांट देवघर और कोडरमा में स्थापित किया जाएगा। उसके बाद जमशेदपुर में भी 50 हजार लीटर क्षमता का प्लांट लगाया जाएगा।
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