झारखंड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में काम करेगा चेक रिपब्लिक
रांची : चेक गणराज्य झारखंड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में काम करने को इच्छुक है। चेक रिपब्लिक के
रांची : चेक गणराज्य झारखंड में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में काम करने को इच्छुक है। चेक रिपब्लिक के उद्योग एवं व्यापार उपमंत्री जीरी कोलीबा व भारत में चेक गणराज्य के राजदूत मिलन होवोर्का के साथ आए एक उच्चस्तरीय शिष्टमंडल ने बुधवार को इस बाबत मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि हेवी इंडस्ट्री के अलावा ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा, रिन्यूएबल एनर्जी, खनन, जल प्रबंधन, वाटर ट्रीटमेंट प्लाट में उन्हें विशेषज्ञता हासिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान 'मेक इन इंडिया' के तहत भारत सरकार द्वारा चेक रिपब्लिक से किये गये समझौते के क्रम में शिष्टमंडल राज्य के दौरे पर आया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विदेशी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि झारखंड से चेक गणराज्य का संबंध 60 के दशक से एचइसी के माध्यम से है। वे चाहते हैं कि यह संबंध प्रगाढ़ हो और एचइसी को बढ़ावा देने के लिये चेक गणराज्य तकनीकी व वित्तीय सहयोग करे। प्रतिनिधिमंडल ने 10 माह के अंदर इज ऑफ डूइंग बिजनेस में 29वें से तीसरे पायदान पर झारखंड के आने पर बधाई दी। प्रतिनिधिमंडल को चतरा में एशिया की सबसे बड़ी ओपन कोल माइंस प्रारंभ होने की जानकारी दी गई। चेक गणराज्य को माइनिंग उपकरण के उत्पादन में भी महारत हासिल है। उनके द्वारा पब्लिक ट्रासपोर्ट सिस्टम व मोनो रेल को स्थापित करने हेतु प्रस्ताव रखा गया। उन्हें बताया गया कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ चुकी है और चाहती है कि दुनिया की नवीनतम तकनीक से युक्त आधारभूत संरचना का निर्माण प्रतिस्पर्धात्मक दर पर हो। चेक गणराज्य के प्रतिनिधिमंडल की बैठक उद्योग विभाग, ऊर्जा विभाग, नगर विकास विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के साथ आयोजित की जाएगी।
चेक गणराज्य के प्रतिनिधिमंडल में इंडस्ट्री एवं ट्रेड के उप महानिदेशक पीटर कुलोवानी, उपमंत्री के सलाहकार मीरोस्लाव ओकरोली, चेक दूतावास में इकोनोमी सेक्शन के प्रमुख मिलन टाउस, चेक एक्सपोर्ट बैंक के निदेशक इगोर ओवकासिक उपस्थित थे। झारखंड सरकार की तरफ से मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल ,उद्योग सचिव के रवि कुमार तथा एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष उपस्थित थे।
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