पूर्व अंतरराष्ट्रीय एथलीट जसवंत की गोली मारकर हत्या
रांची : धुर्वा थाने के समीप एचइसी के वीर कुंवर सिंह चौक पर शुक्रवार की सुबह पारिवारिक विवाद में रिश्
रांची : धुर्वा थाने के समीप एचइसी के वीर कुंवर सिंह चौक पर शुक्रवार की सुबह पारिवारिक विवाद में रिश्तेदार ने ही ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर पूर्व अंतरराष्ट्रीय एथलीट और एलआइसी में कार्यरत जसवंत सिंह की हत्या कर दी। इसके साथ ही उनके मंझले भाई राणा प्रताप सिंह को रड मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उन्हें मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जसवंत सिंह एचइसी के यूनियन नेता राणा संग्राम सिंह के छोटे पुत्र थे। घटना का कारण पारिवारिक संपत्ति विवाद बताया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जसवंत की मौत का कारण गर्दन में लगी गोली को बताया जा रहा है। जसवंत का अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा।
आरोपी अमर सिंह व उसकेचालक रमेश कुमार यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमर सिंह जसवंत के बड़े भाई राणा राम इकबाल सिंह उर्फ लाला के दामाद हैं और बिहार के बक्सर जिले के सोनबरसा के रहनेवाले हैं। चालक रमेश कुमार यादव भी सोनबरसा के जगदीशपुर का रहने वाला है। आरोपियों के पास से पुलिस ने एक लाइसेंसी राइफल, एक मैगजीन व 21 कारतूस बरामद किया है। घटना स्थल से पुलिस ने 315 बोर के पांच खोखे बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी अमर सिंह की इनोवा कार को भी जब्त कर लिया है, जिस पर गोली लगने के आठ निशान हैं।
एएसपी हटिया प्रशांत आनंद ने बताया कि प्रथमदृष्टया पता चला है कि जसवंत प्रत्येक दिन की तरह धुर्वा स्टेडियम में योग व अभ्यास के लिए गए थे। उनके साथ मंझले भाई राणाप्रताप सिंह भी थे। दोनों पैदल ही स्टेडियम से धुर्वा गोलचक्कर होकर वीर कुंवर सिंह चौक की तरफ जा रहे थे। चौक के पास ही इनोवा में इंतजार कर रहे अमर व उसके चालक उनके समीप पहुंच गए। दोनों पक्षों में विवाद हुआ और फिर दोनों तरफ से फाय¨रग होने लगी। जिसमें जसवंत की मौत हो गई।
दो बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर चुके थे देश का प्रतिनिधित्व
जसवंत सिंह जूनियर एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत की ओर से दो बार शामिल हो चुके हैं। 1992 में दिल्ली में हुए चैंपियनशिप में वे पदक नहीं जीत पाए लेकिन उनके प्रदर्शन को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी बहादुर सिंह ने उन्हें अपना शिष्य बना लिया था। 1994 में मद्रास में आयोजित चैंपियनशिप में उन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था, इसके अलावा शॉटपुट में वे बिहार की ओर से सात साल तक खेलते रहे और बिहार की ओर से रिकार्डधारक बने। अखिल भारतीय एलआइसी प्रतियोगिता में भी बिहार जोन का उन्होंने कई वर्षो तक प्रतिनिधित्व किया।