अगले साल शुरू होगा मिथेन गैस का उत्पादन
अमन कुमार, रांची : देश के खनिज भंडार में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाला झारखंड जल्द ही प्राकृतिक
अमन कुमार, रांची : देश के खनिज भंडार में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाला झारखंड जल्द ही प्राकृतिक गैस भंडार में भी अपना योगदान देगा। राज्य की तीन कोल बेड मिथेन (सीबीएम) खदान से अगले साल जुलाई से उत्पादन शुरू करने का फैसला ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपरेशन लिमिटेड (ओएनजीसी) ने किया है। बोकारो और झरिया स्थित कोल बेड मिथेन खदानों से प्रायोगिक खनन का काम शुरू कर दिया गया है। व्यावसायिक उत्पादन से पहले की सारी औपचारिकता पूरी की जा रही है। इस सिलसिले में सोमवार को ओएनजीसी के अध्यक्ष एसके श्रॉफ कंपनी के छह निदेशकों के साथ रांची आएंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ बैठक होगी। राज्य सरकार ने पिछले महीने तीन कोल बेड मिथेन खदान की पेट्रोलियम माइनिंग लीज ओएनजीसी को देने का फैसला किया था। ये तीनों खदानें बोकारो, हजारीबाग और धनबाद जिले में स्थित हैं। पिछले तीस साल से इन खदानों से गैस निकालने की योजना पर काम चल रहा था।
क्या होगा फायदा
देश में कोल बेड मिथेन (सीबीएम) की 33 खदान हैं। इनमें से तीन झारखंड में हैं। ये तीनों सीबीएम खदान में मिथेन गैस काफी मात्रा में है। झरिया में 85, नार्थ कर्णपुरा में 62 और बोकारों में 45 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस रिजर्व है। जिससे ऊर्जा क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है। राज्य में रिजर्व गैस से हर साल 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। घरेलू गैस और सीएनजी में भी इसका उपयोग हो सकता है। जिससे देश में प्राकृतिक गैस की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
क्या है कोल बेड मिथेन
मिथेन एक प्रकार का प्राकृतिक गैस होता है। यह जमीन की गहराई में पाया जाता है। खासतौर पर यह कोयला खदानों मे मिलता है। राज्य के गोंडावना घाटी क्षेत्र में इसकी प्रचुर संभावना है। जिसपर अनुसंधान का काम लगातार चल रहा है।
निजी क्षेत्र भी है सक्रिय
इन तीन खदानों के अलावा भी राज्य में नई सीबीएम खदान की पहचान का काम जारी है। निजी क्षेत्र की कंपनी एस्सार और रिलायंस समूह इस दिशा में काम कर रही है। अदानी समूह ने भी रांची, बोकारो, जमशेदपुर और धनबाद में पाइपलाइन के माध्यम से घरेलू गैस पहुंचाने की अपनी योजना पर काम शुरू करने का फैसला किया है।