लौटते मानसून ने झारखंड को दिया दगा
रांची : लौटते मानसून से राज्य की बची-खुची फसल को बचाने की आस भी अब ध्वस्त हो गई है। भारतीय मौसम विज्
रांची : लौटते मानसून से राज्य की बची-खुची फसल को बचाने की आस भी अब ध्वस्त हो गई है। भारतीय मौसम विज्ञान की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड समेत उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बारिश की उम्मीद नहीं है। यह सूचना राज्य के किसानों के लिए किसी बड़ी आफत से कम नहीं है।
भारतीय मौसम विज्ञान की रिपोर्ट के अनुसार लौटता मानसून झारखंड से बिना बारिश के ही गुजर जाएगा। अगले सात दिनों में मानसूनी बारिश की संभावना नहीं है। इन दिनों मानसून केरल और तमिलनाडू की तरफ लौट रहा है। आपदा प्रबंधन के संजय श्रीवास्तव ने पुणे मौसम विज्ञान की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि यदि इस बीच कहीं बारिश हुई तो उसका कारण स्थानीय होगा। बता दें कि मानसून का यूं ही लौट जाना जहां खरीफ की फसल को क्षति पहुंचाएगा वहीं रबी को भी अनचाहे तौर पर इसकी मार झेलनी पड़ेगी। मानसून की वापसी की बारिश से खेतों में जो नमी आती है उसका सीधा असर रबी की फसल पर पड़ता है। मालूम हो कि बारिश की बेरुखी की वजह से झारखंड में चार लाख हेक्टेयर खरीफ की फसल प्रभावित हो चुकी है। मानसून का यूं खाली लौट जाना इस आंकड़े में भारी इजाफा करेगा। कृषि विभाग लौटते मानसून की आस में ही फसल को काफी हद तक बचाने का दावा कर रहा था।
सितंबर में हुई महज 79.8 मिमी बारिश
झारखंड में रिकार्ड फसल उत्पादन की सारी उम्मीदों पर सितंबर में हुई बारिश ने पानी फेर दिया है। सितंबर में राज्य में महज 79.8 मिमी बारिश रिकार्ड की गई जो सामान्य तौर पर इस माह होने वाली बारिश 235.5 मिमी का महज 33.88 प्रतिशत है। पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों गढ़वा, पलामू और लातेहार में महज 48.9 मिमी बारिश ही रिकार्ड की गई।