सी-सैट वापस लिया सरकार ने
रांची : राज्य सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की छठी सिविल सेवा प्रतियोगिता की प्रारंभिक पर
रांची : राज्य सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की छठी सिविल सेवा प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा से सी-सैट वापस लेने का निर्णय किया है। शुक्रवार को वरीय अधिकारियों से विचार मंथन के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह फैसला लिया। अब छठी सिविल सेवा प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा में सी-सैट का द्वितीय पत्र नहीं होगा, अब एकमात्र सामान्य अध्ययन विषय ही शामिल रहेगा।
गौरतलब है कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों समेत सत्तापक्ष के अधिकांश सदस्य सी-सैट वापस लेने के पक्ष में थे। विपक्ष ने इस मसले पर एक दिन सदन की पूरी कार्यवाही बाधित की। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी के गठन की घोषणा की। इस कमेटी में कार्मिक सचिव और वित्त विभाग के प्रधान सचिव भी शामिल थे। कमेटी ने तीन पेज की अपनी अनुशंसा रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जिसमें सुझाव दिया गया कि सी-सैट को प्रारंभिक परीक्षा से वापस ले लिया जाए। प्रारंभिक परीक्षा में विषय का नाम सिर्फ सामान्य अध्ययन रखने की अनुशंसा की गई।
कट ऑफ डेट पर फैसला, अवसर की नहीं होगी बाध्यता
सी-सैट को वापस लेने के साथ ही तीन सदस्यीय समिति ने निर्णय किया कि छठी सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा के अधिकतम उम्र सीमा की गणना के लिए एक अगस्त 2010 और न्यूनतम उम्र सीमा के लिए एक अगस्त 2015 को कट ऑफ डेट माना जाए।
कोई अवसर सीमा नहीं होगी
कमेटी ने पाया कि संघ लोक सेवा आयोग में अनारक्षित कोटे के लिए छह, पिछड़ी जाति के नौ अवसर अनुमान्य हैं। जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए कोई अवसर की सीमा निर्धारित नहीं है। झारखंड में प्रत्येक वर्ष परीक्षा का आयोजन नहीं हो रहा है। ऐसे में अवसर सीमा का कोई औचित्य नहीं है।
अलग-अलग थी राय
सी-सैट के मसले पर कई स्तरों पर विचार मंथन और मंत्रणा का दौर चला। अंतिम राय तक पहुंचने के पहले कई तरह के सुझाव आए। कुछ लोगों का यह भी तर्क था कि इसे प्रारंभिक परीक्षा का विषय बनाया जाना चाहिए। इससे परीक्षा की गुणवत्ता बनी रहेगी और मेधावी अभ्यर्थी सिविल सेवा में आ पाएंगे।
सीएम ने बात की अभ्यर्थियों से
अंतिम निर्णय लेने के पहले मुख्यमंत्री ने झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों की भी राय ली। इसके अलावा अधिकांश विधायकों के सुझाव भी मुख्यमंत्री ने लिए। बहुमत की यही राय थी कि प्रारंभिक परीक्षा में सी-सैट को शामिल करना सही नहीं होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट और अनुशंसा के आधार पर वापस लेने का आदेश दिया।