भ्रष्टाचारियों की नकेल कसेगी सरकार
राची : राज्य सरकार ने आय से अधिक धन अर्जित करने वाले लोकसेवकों और जनप्रतिनिधियों को शिकंजे में लाने
राची : राज्य सरकार ने आय से अधिक धन अर्जित करने वाले लोकसेवकों और जनप्रतिनिधियों को शिकंजे में लाने की पहल की है। इसके तहत अब निगरानी ब्यूरो को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एंटी करप्शन ब्यूरो) का स्वरूप दिया गया है। गृह विभाग के इस प्रस्ताव पर मंगलवार को राज्य मंत्रिपरिषद ने अपनी मुहर लगा दी। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पाडेय ने बताया कि इसके तहत अब राज्य भर में सात थाने होंगे। पूर्व में सिर्फ राची में एक थाना कार्यरत था। इसे बढ़ाकर हरेक प्रखंड मुख्यालय समेत धनबाद में निगरानी थाना का निर्माण किया जाएगा। इन थानों के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के अधिकारी होंगे। इसकी देखरेख का जिम्मा पुलिस अधीक्षक स्तर के पदाधिकारी पर होगा। इसके अलावा एक विशेष कोषाग का गठन किया जाएगा, जो पूरे राज्य भर से मिलने वाली गंभीर प्रवृति की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करेगा। एंटी करप्शन ब्यूरो को पूरी स्वतंत्रता दी गई है। आरंभिक सूचना और सत्यापन का काम ब्यूरो अपने स्तर से करेगा। इसके अलावा विभिन्न श्रेणी के अधिकारियों के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए अनुमोदन की प्रक्रिया तय की गई है। जनप्रतिनिधियों और अखिल भारतीय सेवाओं समेत विभागाध्यक्षों के खिलाफ जाच आऱंभ करने के लिए मुख्य सचिव के स्तर से मुख्यमंत्री का अनुमोदन आवश्यक है। अन्य प्रथम श्रेणी के लोक सेवकों के लिए निगरानी आय़ुक्त की अनुशसा पर मुख्य सचिव फैसला लेंगे। दूसरी श्रेणी के पदाधिकारियों पर निगरानी आयुक्त एवं तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो प्रमुख अपने स्तर से फैसला लेंगे।
राज्य सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो को कारगर बनाने के लिए पदों को बढ़ाने का भी फैसला लिया है। अभी निगरानी ब्यूरो में 350 पद हैं जिसे बढ़ाकर 608 कर दिया गया है। इसके अलावा विधिक शाखा को भी सशक्त किया जाएगा। ब्यूरो मुख्यालय में मुख्य लोक अभियोजक के नेतृत्व में अभियोजन कोषाग का गठन होगा। इसके मातहत अपर लोक अभियोजक और सहायक लोक अभियोजक होंगे।
ब्यूरो थाना में अपर लोक अभियोजक की बहाली की जाएगी। निगरानी आय़ुक्त इनका चयन करेंगे। ब्यूरो में डीआइजी के दो, एसपी के तीन, डीएसपी के सात, पुलिस निरीक्षक के 38, लोक अभियोजक के एक, अपर लोक अभियोजक के आठ, एएसआइ के 10 और सिपाही के 92 नद पद होंगे। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में
कार्यरत पदाधिकारियों और कर्मियों को प्रोत्साहन भत्ता के दौरान पर मूल
वेतन का 25 प्रतिशत अतिरिक्त मिलेगा।